नोबेल समिति ने सोमवार 10 अक्टूबर इस साल के लिए दिए जाने वाले अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार का ऐलान कर दिया. इसके साथ ही 2022 में दिए जाने वाले सभी Nobel Prizes का ऐलान हो गया है.
स्टॉकहोम में रॉयल स्वीडिश अकेडमी ऑफ साइंसेज ने 2020 के अर्थशास्त्र नोबेल के लिए- बेन एस बर्नान्के (Ben S. Bernanke), डगलस डब्ल्यू डायमंड (Douglas W. Diamond) और फिलिप एच डायबविग (Philip H. Dybvig) को चुना है. इन तीनों अर्थशास्त्रियों को संयुक्त रूप से इस पुरस्कार के लिए चुना गया है. इकोनॉमिक्स के क्षेत्र में ‘बैंकों और वित्तीय संकट पर शोध’ के लिए इन तीनों को दुनिया के सबसे बड़े पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.
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2022 के नोबेल पुरस्कार विजेता
पुरस्कार | पुरस्कार पाने वाले |
मेडिसीन (चिकित्सा) | स्वांते पाबो (स्वीडन) |
फिजिक्स (भौतिकी) | एलेन एस्पेक्ट (फ्रांस) जॉन एफ क्लॉसर (अमेरिका)एंटोन जिलिंगर (ऑस्ट्रिया) |
केमिस्ट्री (रसायन) | कैरोलिन बर्टोजी (अमेरिका)बैरी शार्पलेस (अमेरिका)मोर्टन मेल्डल (डेनमार्क) |
लिटरेचर (साहित्य) | एनी एनॉक्स (फ्रांस) |
पीस प्राइस (शांति पुरस्कार) | एलेस बियालियात्स्की (बेलारूस)मेमोरियल (संस्था) रूससेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज (संस्था) यूक्रेन |
इकोनामिक्स (अर्थशास्त्र) | बेन एस. बर्नान्के (अमेरिका)डगलस डब्ल्यू. डायमंड (अमेरिका)फिलिप एच. डायबविग (अमेरिका) |
2022 के अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार विजेता
रॉयल स्वीडिश अकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा जारी किए गए लेख के मुताबिक तीनों पुरस्कार विजेताओं ने खास तौर पर वित्तीय संकट के दौरान अर्थव्यवस्था में बैंकों की भूमिका के बारे में हमारी समझ में काफी सुधार किया है. इनके द्वारा किए गये शोध से हमें एक अहम जानकारी यह मिली है कि बैंकों का पतन से बचना क्यों जरूरी है.
साल 2021 में अर्थशास्त्र का नोबेल डेविड कार्ड और जोशुआ एंग्रिस्ट और गुइडो इंबेन्स को दिया गया था. डेविड कार्ड को यह पुरस्कार उनके शोध ‘न्यूनतम मजदूरी, अप्रवासन और शिक्षा कैसे श्रम बाजार को प्रभावित करते हैं’ के लिए मिला था.
बेन एस. बर्नान्के
1953 में अमेरिका के ऑगस्ता शहर में जन्मे बेन एस. बर्नान्के ने वर्ष 1979 में मैसेच्युट्स इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कैम्ब्रिज से पीएचडी की उपाधि हासिल की. अभी वे अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी के द ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूशन (The Brookings Institution) के आर्थिक अध्ययन विभाग में प्रतिष्ठित वरिष्ठ फेलो हैं. बर्नान्के ने 1930 के दशक की महामंदी पर शोध किया और यह बताया कि यदि घबराए हुए बचतकर्ता अपनी जमा राशि निकालते हैं, तो बैंक की स्थिति कितनी खतरनाक हो सकती है.

डगलस डब्ल्यू. डायमंड
आर्थशास्त्र के दूसरे नोबेल विजेता डगलस डब्ल्यू. डायमंड का जन्म वर्ष 1953 में हुआ. उन्होंने अमेरिका के येल विश्वविद्यालय से वर्ष 1980 में पीएचडी की उपाधि हासिल की. 68 वर्षीय डायमंड शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस से फाइनांस के वरिष्ठ प्रोफेसर के रूप में जुड़े हुए हैं.
फिलिप एच. डायबविग
तीसरे नोबेल विजेता फिलिप एच. डायबविग का जन्म वर्ष 1955 में हुआ. 67 वर्षीय डायबविग ने भी वर्ष 1979 में येल यूनिवर्सिटी से पीएचडी की उपाधि हासिल की. वे वाशिंगटन विश्वविद्यालय के सेंट लुईस, ओलिन बिजनेस स्कूल से जुड़े हैं. डायमंड और डायबविग ने अपने शोध में बताया कि कैसे जमा पर सरकारी गारंटी वित्तीय संकट को बढ़ने से रोक सकती है?
अर्थशास्त्र का नोबेल
1969 में स्थापित इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को अधिकारिक रूप से नोबेल पुरस्कार स्वीरिजेज रिक्सबैंक पुरस्कार इन इकोनॉमिक साइंसेज इन मेमोरी ऑफ अल्फ्रेड नोबेल (Sveriges Riksbank Prize in Economic Sciences in Memory of Alfred Nobel) के तौर पर जाना जाता है.
स्वेरिजेस रिक्सबैंक (Sveriges Riksbank) जो स्वीडन का केंद्रीय बैंक (जैसे भारतीय रिजर्व बैंक) है, ने वर्ष 1968 में नोबेल पुरस्कार के संस्थापक अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में ‘आर्थिक विज्ञान’ (Economic Science) में पुरस्कार की स्थापना की थी.
यह पुरस्कार वर्ष 1968 में बैंक की 300वीं वर्षगांठ के अवसर पर स्वीरिजेज रिक्सबैंक (स्वीडन के केंद्रीय बैंक) से नोबेल फाउंडेशन द्वारा प्राप्त दान पर आधारित है और इसकी पुरस्कार राशि 10 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (लगभग 7.43 करोड़ रुपए) है.
नोबेल पुरस्कार के बारे में
नोबेल पुरस्कार (Noble Prizes) सप्ताह इस साल 3 अक्टूबर से शुरू होकर 10 अक्टूबर तक चला. इस दौरान 7 दिन में कुल 6 पुरस्कारों की घोषणा की गई. सबसे आखिर में 10 अक्टूबर को अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा की गई.
नोबेल समिति द्वारा इस सप्ताह सिर्फ पुरस्कार जीतने वाले व्यक्ति / व्यक्तियों या संस्थान / संस्थानों के नामों का ऐलान किया गया है. दिसंबर महीने में इन्हें स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में इन्हें पुरस्कार दिए जाएंगे.
कोविड-19 महामारी की वजह से 2020 और 2021 के पुरस्कार विजेता स्टॉकहोम नहीं पहुंच पाए थे. समिति ने इस बार इन दो साल के विजेताओं को भी स्टॉकहोम बुलाया है. शांति पुरस्कार नॉर्वे में प्रदान किया जाता है जबकि बाकी सभी कैटेगरीज के पुरस्कार स्टॉकहोम में दिए जाते हैं.