PM नरेंद्र मोदी लगातार 11वीं बार आज देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने सिविल कोड, एक राष्ट्र, एक चुनाव सहित कई मुद्दों पर बात की। यहां पढ़ें पीएम मोदी के संबोधन की प्रमुख बातें –
पीएम मोदी के संबोधन की प्रमुख बातें –
- देश में बार-बार होने वाले चुनावों की वजह से काम रुक रहे हैं। देश के लोगों, राजनीतिक दलों और संविधान को समझने वाले लोगों को वन नेशन, वन इलेक्शन को साकार करने के लिए आगे आना चाहिए।
- सेक्यूलर सिविल कोड समय की मांग है। सेक्युलर कोड लागू होने से बिना किसी जाति या धर्म के भेदभाव के सभी को समान अवसर मिलेंगे।
- G20 आयोजन कर भारत ने दिखा दिया, हम बड़े से बड़ा आयोजन कर सकते हैं। इससे पहले G20 सम्मेलन इतना बड़ा कभी नहीं हुआ। अब हम चाहते हैं कि 2036 का ओलंपिक भारत में हो। हमारे अंदर सामर्थ्य है।
- भारत के आगे बढ़ने से किसी को चिंतित होने की जरूरत नहीं। भारत के हजारों साल के इतिहास को जानें। भारत का विकास किसी के लिए चिंता का विषय नहीं होना चाहिए।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ ईमानदारी से लगा रहूंगा। भ्रष्टाचारियों के दिल में खौफ पैदा करना है। कुछ लोग खुलेआम भ्रष्टाचार का महिमामंडन और जय-जयकार कर रहे हैं। ये स्वस्थ समाज के लिए अच्छा नहीं है। अगर भ्रष्टाचार का महिमामंडन होगा तो आज जो भ्रष्टाचार नहीं कर रहा, वह भी करेगा।
- विश्व के लोग यहां निवेश करना चाहते हैं। राज्य सरकारों से निवेदन है कि स्पष्ट नीति बनाएं, कानून व्यवस्था में सुधार करें। राज्यों के बीच निवेशकों को खींचने के लिए स्पर्धा होनी चाहिए। अपनी नीतियों में परिवर्तन लाएं। निवेश के लिए जमीन की जरूरत होगी, राज्य लैंड बैंक बनाएं। गुड गवर्नेंस पर काम करेंगे तो निवेशक वापस नहीं जाएंगे। ये सिर्फ केंद्र से नहीं होगा, क्योंकि निवेश तो किसी न किसी राज्य में ही लगेगा।
- भारत के छात्रों को ऐसे-ऐसे देशों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए जाना पड़ता है, जो उनके लिए सुरक्षित नहीं हैं। इसलिए हमने निर्णय लिया है कि अगले 5 साल में मेडिकल लाइन में 75 हजार नई सीटें बनाई जाएंगी। विकसित भारत 2047, स्वस्थ भारत भी होना चाहिए। इसके लिए हमने राष्ट्रीय पोषण मिशन चलाया है। पोषण को प्राथमिकता दी है। रिसर्च कार्यों के लिए हमने बजट बढ़ाया है।
- दुनिया में ऑर्गेनिक फूड की मांग बढ़ी है। भारत को ऑर्गेनिक फूड का हब बनाना है। हमने ऑर्गेनिक क्षेत्र में बजट बढ़ाया है। किसानों को आसान लोन दिया जा रहा है।
- महिलाओं के अधिकारों के लिए लिए, उनके खिलाफ अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो। अपराधियों को जल्द से जल्द सजा मिले। महिलाओं के खिलाफ अपराध की चर्चा तो खूब होती है। लेकिन अपराधी को सजा मिलने की चर्चा नहीं होती। उस पर चर्चा होनी चाहिए। अपराधियों में डर पैदा होना चाहिए।
- देश के सीईओ दुनियाभर में देश का नाम बड़ा कर रहे हैं। स्वयं सहायता समूह की 1 करोड़ बहनें लखपति दीदी बन गई हैं, जो हमारे लिए गर्व की बात है। महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। महिला आत्मनिर्भरता नई आर्थिक क्रांति है।
- आज भारत का एक्सपोर्ट बढ़ रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार भी बढ़ रहा है, पहले से दोगुना हो गया है। प्रति व्यक्ति आय दोगुनी करने में सफल रहे हैं। ग्लोबल संस्थानों का भारत पर भरोसा बढ़ा है। तेज विकास के साथ हमारा मार्ग संवेदनशीलता का मार्ग है।
- हमने अनावश्यक कानूनों को हटाया। हमने कई काले कानूनों को हटा दिया जो सदियों से चले आ रहे थे और आपराधिक कानूनों को बदला है।
- हमने बड़े रिफॉर्म्स जमीन पर उतारे – रिफॉर्म का मार्ग ग्रोथ का मार्ग है। रिफॉर्म्स की प्रक्रिया वाहवाही के लिए नहीं, चार दिन के लिए नहीं, देश को मजबूत देने के लिए हैं। रिफॉर्म्स का हमारा मार्ग ग्रोथ का ब्लू प्रिंट बना हुआ है। युवाओं की आकाक्षांओं के लिए रिफॉर्म्स। बैंकिंग क्षेत्र में रिफॉर्म। पहले बैंक संकट के दौर से गुजर रहे थे, आज दुनिया के सबसे बड़े बैंकों में भारत के बैंक शामिल हैं। अगर 140 करोड़ लोग कंधे से कंधा मिलाकर चल पड़ें तो चुनौतियां कितनी भी हों, हर चुनौती को पार करते हुए हम समृद्ध भारत बना सकते हैं।
- यह स्वर्णिम काल खंड है। देशवासियो, हमें इस अवसर को जाने नहीं देना चाहिए। आज हर सेक्टर में आधुनिकता आ रही है। हर क्षेत्र में आधुनिकता की जरूरत है, नए पन की जरूरत है। टेक्नोलॉजी को जोड़ने की जरूरत है। हम पूरी प्रतिबद्धता से चल पड़े हैं, सिद्धि जरूर मिलेगी।
- विकसित भारत 2047, ये सिर्फ भाषण के शब्द नहीं है। इसके पीछे कठोर परिश्रम चल रहा है। देश के कोटि-कोटि जनों के सुझाव लिए जा रहे हैं। हमारे देशवासियों ने विकसित भारत के लिए अनगिनत सुझाव दिए हैं। हर देशवासी का सपना उसमें झलकता है। युवा हो, बुजुर्ग हों, किसान हों, गांव के लोग, शहर के लोग, पहाड़ों के लोग हों, हर किसी ने 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मनाए, तब तक के लिए अनमोल सुझाव दिए हैं।