बाबा रामदेव की प्रसिद्ध आयुर्वेद पतंजलि कम्पनी की चंदन की लकड़ी जब्त कर ली गई है। लेकिन यहां सवाल ये उठता है कि जब पतंजलि अपने सभी प्रोडक्टस को आयुर्वेद साबित करने के सभी मानकों पर खरी उतरी है, तो पतंजलि के प्रोडक्ट को क्यों जब्त किया गया है। बता दे, पतंजलि पर आरोप लगा है कि वो अपने लाल चंदन की लकड़ी को गैर कानूनी तरीके से चीन भेज रही थी। इसलिए केंद्र सरकार की एक एजेंसी डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने चीन जा रही सारी लकड़ियों को जब्त कर लिया हैं।
बताया जा रहा है कि डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) और कस्टम्स डिपार्टमेंट ने पतंजलि के कर्मचारियों के पासपोर्ट के साथ लगभग 50 टन लाल चंदन की लकड़ी और उससे संबंधित सभी कागजात जब्त कर लिए हैं। अब पतंजलि अपनी सभी लकड़ियों को छुड़ाने के लिए कोर्ट जाएगी।
पतंजलि ने क्या कहा
लाल चंदन की लकड़ी जब्त होने के बाद पतंजलि का कहना है कि उसने कोई गलत काम नही किया है। कम्पनी ने कहा कि वें एक्सपोर्ट नियमों के हिसाब से ही काम कर रहे हैं। कंपनी के प्रवक्ता ने ईटी को एक ईमेल भी लिखा है, जिसमें लिखा है कि हमने अब तक कुछ एक्सपोर्ट नहीं किया था लेकिन हम APFDCL (आंध्र प्रदेश फॉरेस्ट डिवेलपमेंट कॉर्प) से खरीदी गई लाल चंदन की लकड़ी का एक्सपोर्ट कर रहे हैं। हमने कोई गलत या गैरकानूनी काम नहीं किया हैं। सारे काम कानूनी तौर पर किए गए हैं। आपको बता दें कि डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने पूरे 50 टन लकड़ियों को जब्त कर लिया हैं।
लकड़ियों के ग्रेड बदलने का शक
दरअसल लाल चंदन की लकड़ी तीन ग्रेडों में होती हैं जिसमें पतंजलि को केवल सी ग्रेड की लकड़ियों को दूसरे देशों में बेचने की अनुमति है, लेकिन डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस
को शक है कि पतंजलि ने A और B ग्रेड की लकड़ियों को उनमें मिलाकर देश के बाहर सप्लाई किया है। अब पतंजलि लकड़ियों को छुड़ाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट जाएगी। हाईकोर्ट इस मामले में सुनवाई 8 अप्रैल को करेगा।