Environment News: भारत में प्राचीन काल से हाथियों का महत्व रहा है, लेकिन बीते कुछ वर्षों से इनकी संख्या में हो रही गिरावट चिंता का विषय बन गया था। हालही में आईयूसीएन की ओर से जारी की गई लिस्ट में एक राहत भरी खबर है। हमारे देश में पाए जाने वाले एशियाई हाथियों की संख्या में करीब 60 फीसदी का इजाफा हुआ है। ये उस प्रजाति के हाथी हैं, जो आईयूसीएन की रेड लिस्ट में विलुप्त होने वाली श्रेणी में हैं।
भारत में पिछले 8 वर्षों के दौरान हाथी अभयारण्यों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक ट्वीट कर हाथियों के संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता जताई। इस दौरान उन्होंने हाथियों के संरक्षण में जुटे लोगों की सराहना भी की।

Environment News: हाथियों के संरक्षण में शामिल लोगों की सराहना
इस दौरान पीएम मोदी ने हाथियों के संरक्षण में शामिल लोगों की सराहना करते हुए एक श्रेष्ठ कदम बताया। उन्होंने कहा कि भारत में मानव और पशुओं के बीच टकराव को कम करने के लिए स्थानीय समुदायों और उनके पारंपरिक ज्ञान के मिश्रण से किए जा रहे वृहद प्रयासों के नजरिये से अवश्य देखा जाना चाहिए।
लगातार बढ़ती स्पर्धा के कारण मानव और हाथी के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है। हर साल हाथियों के हमले में करीब 500 लोगों की मौत भी हो रही है। लगभग 100 हाथियों की जान भी गई है। बावजूद इसके सरकार की ओर से प्रयास किया जा रहा है ताकि मानव और हाथी संघर्ष को रोकना सरकार की प्राथमिकता रही है।
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