DDA:दिल्ली शहर में जल प्रदूषण कम करने के लिए डीडीए यानी दिल्ली विकास प्राधिकरण ने एक योजना तैयार की है। इसके तहत राजधानी के सबसे बड़े ड्रेन को पहले साफ किया जाएगा।नजफगढ़ ड्रेन में गिरने वाले द्वारका के 2 बड़े नालों का गंदा पानी सीधे ड्रेन में नहीं डाला जाएगा।
जानकारी के अनुसार पहले एक बड़े तालाब में दोनों नालों के पानी को रोका जाएगा। इसके बाद गंदे पानी को एसटीपी यानी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में साफ करने के बाद ही उसे नजफगढ़ ड्रेन में डाला जाएगा। इस योजना को शुरू करने के लिए डीडीए की ओर से टेंडर भी जारी किए गए हैं।
DDA: नालों का होगा कायाकल्प
DDA: डीडीए द्वारका से गुजरने वाले 2 बड़े नालों के कायाकल्प करने की तैयारी में है।इसका सर्वाधिक फायदा द्वारका उपनगरी की उन सोसाइटियों को होगा, जो अभी नाले के किनारे स्थित हैं। परियोजना के पूरी होने के बाद यहां के लोगों को दुर्गंध और गंदे पानी से मुक्ति मिलेगी।
DDA: यमुना को बचाना भी है मकसद
जानकारी के अनुसार दिल्ली के कई क्षेत्रों से लगातार गंदा पानी यमुना नदी में आकर गिर रहा है। विभाग ने इन क्षेत्रों को कई बेसिन के तहत बांटा है।जिसमें से नजफगढ़ बेसिन सबसे बड़ा है।
नजफगढ़ बेसिन का ही एक बड़ा हिस्सा द्वारका उपनगरी में पड़ता है। यहां से 2 बड़े नाले ट्रंक ड्रेन संख्या-2 और 5 का गंदा पानी सीधे नजफगढ़ ड्रेन में पहुंचता है। यही वजह है पानी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए डीडीए दोनों ही ट्रंक ड्रेन का कायाकल्प करने का सोच रहा है।इसके तहत ट्रंक ड्रेन के किनारों पर लैंडस्केपिंग भी जाएगी।
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