सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर और पॉडकास्टर रणवीर अल्लाहबादिया को उनके विवादित बयान को लेकर कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाते हुए उन्हें अपना पासपोर्ट सरेंडर करने का आदेश दिया है। हालांकि, कोर्ट ने साफ कहा कि रणवीर अल्लाहबादिया की टिप्पणियां बेहद आपत्तिजनक और शर्मनाक थीं। साथ ही कोर्ट ने शर्त रखी कि वह या उनकी टीम अगली सुनवाई तक कोई शो नहीं करेंगे और बिना अनुमति देश नहीं छोड़ सकेंगे।
रणवीर की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील डॉ. अभिनव चंद्रचूड़ ने पैरवी की। उनकी याचिका में अलग-अलग राज्यों में दर्ज एफआईआर को क्लब करने की मांग की गई थी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिस्वर सिंह की बेंच ने सुनवाई के बाद कुछ अहम निर्देश जारी किए।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश:
- ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ शो से जुड़ी किसी नई एफआईआर पर रोक रहेगी।
- यदि रणवीर को किसी प्रकार का खतरा महसूस होता है, तो वे महाराष्ट्र और असम पुलिस से सुरक्षा मांग सकते हैं।
- जयपुर में दर्ज किसी भी नई एफआईआर में भी गिरफ्तारी नहीं होगी।
- रणवीर को अपना पासपोर्ट ठाणे पुलिस के पास जमा करना होगा।
- कोर्ट की अनुमति के बिना वे विदेश यात्रा नहीं कर सकते।
कोर्ट की सख्त टिप्पणी:
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर अल्लाहबादिया की टिप्पणियों को लेकर नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने कहा, “ऐसा लगता है कि इनके दिमाग में गंदगी भरी हुई है। प्रसिद्ध होने का यह मतलब नहीं कि कोई भी गैरजिम्मेदार टिप्पणी करे। आप माता-पिता का अपमान कर रहे हैं, यह पूरे समाज के लिए शर्मनाक है।”
मामला क्या है?
रणवीर अल्लाहबादिया स्टैंडअप कॉमेडियन समय रैना के शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ में बतौर गेस्ट जज शामिल हुए थे। शो के दौरान उन्होंने एक कंटेस्टेंट से उसके माता-पिता की निजी जिंदगी पर बेहद आपत्तिजनक सवाल किए, जिसके बाद सोशल मीडिया पर इसका जमकर विरोध हुआ। वायरल वीडियो के कारण मुंबई, असम और जयपुर में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रणवीर को अस्थायी राहत मिल गई है, लेकिन उन्हें जांच में सहयोग करना होगा और अगली सुनवाई तक कोई नया कंटेंट रिलीज नहीं कर सकेंगे।