किन्नर अखाड़े का बड़ा फैसला, ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पद से हटाए गए

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किन्नर अखाड़े का बड़ा फैसला

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 के दौरान किन्नर अखाड़े ने बड़ा निर्णय लिया है। अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने पूर्व अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटाते हुए अखाड़े से बाहर कर दिया है। इसके साथ ही लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी आचार्य महामंडलेश्वर पद और अखाड़े से हटाने का फैसला लिया गया है। ऋषि अजय दास ने घोषणा की है कि किन्नर अखाड़े का पुनर्गठन किया जाएगा और जल्द ही नया आचार्य महामंडलेश्वर नियुक्त किया जाएगा।

महाकुंभ में संन्यास और राज्याभिषेक

कुछ दिन पहले ही ममता कुलकर्णी ने प्रयागराज के महाकुंभ में संन्यास की घोषणा की थी। उन्होंने किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से भेंट की थी और संगम में पिंडदान की रस्म निभाई थी। इसके बाद उनका राज्याभिषेक किन्नर अखाड़े में किया गया और उन्हें नया आध्यात्मिक नाम ‘श्री यमई ममता नंद गिरि’ दिया गया। इसी के साथ, उन्हें किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर नियुक्त किया गया था।

महामंडलेश्वर बनाए जाने पर उठा विवाद

ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद संत समाज में इसका विरोध शुरू हो गया। कई संतों ने इस फैसले पर आपत्ति जताई थी। बाबा रामदेव ने भी इस पर सवाल उठाते हुए कहा था कि “जो लोग कल तक सांसारिक सुखों में थे, वे एक दिन में संत और महामंडलेश्वर कैसे बन सकते हैं?”

किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने भी इस नियुक्ति को अखाड़े के सिद्धांतों के खिलाफ बताया था और कहा था कि “स्त्री को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर नहीं बनाया जा सकता।”

ममता कुलकर्णी का आध्यात्मिक सफर

ममता कुलकर्णी ने एक इंटरव्यू में बताया कि उनका अध्यात्म की ओर झुकाव 1996 में शुरू हुआ था, जब उनकी गुरु गगन गिरि महाराज से मुलाकात हुई। इसके बाद उन्होंने तपस्या शुरू की और 2000 से 2012 तक ब्रह्मचर्य का पालन किया।

उन्होंने यह भी कहा कि बॉलीवुड ने उन्हें शोहरत दी, लेकिन उन्होंने इसे छोड़कर एक साधारण जीवन को अपनाने का निर्णय लिया। 12 सालों तक वे दुबई में रहीं, जहां एक छोटे से फ्लैट में रहकर तपस्या की। उनकी आखिरी फिल्म ‘कभी तुम कभी हम’ (2002) थी, इसके बाद उन्होंने मनोरंजन जगत को अलविदा कह दिया।

नए महामंडलेश्वर की होगी नियुक्ति

किन्नर अखाड़े ने स्पष्ट कर दिया है कि नई व्यवस्था के तहत जल्द ही नया आचार्य महामंडलेश्वर नियुक्त किया जाएगा। इसके साथ ही अखाड़े के पुनर्गठन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।