फिल्म निर्देशक और अभिनेता अनुराग कश्यप हाल ही में अपने बयानों को लेकर विवादों में आ गए थे। उन्होंने ब्राह्मण समाज को लेकर कुछ टिप्पणियां की थीं, जिनके बाद सोशल मीडिया पर उन्हें तीखी प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ा। अब अनुराग ने अपने बयान पर सफाई दी है और सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी है।
अनुराग कश्यप ने क्या कहा?
अनुराग कश्यप ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “गुस्से में एक प्रतिक्रिया देते हुए मैं अपनी मर्यादा लांघ गया। मैंने पूरे ब्राह्मण समाज को गलत शब्दों में लपेट लिया, जबकि ऐसा मेरा इरादा नहीं था। मेरी जिंदगी में कई ब्राह्मण साथी रहे हैं और आज भी हैं, जिन्होंने मेरी यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मेरी बात से वे सब आहत हुए हैं। कई बुद्धिजीवी, जिनका मैं सम्मान करता हूं, उन्होंने भी मेरी भाषा पर आपत्ति जताई है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं दिल से माफी चाहता हूं। मैंने आवेश में आकर ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया जो अनुचित थी। मैं उन सभी से माफी मांगता हूं – अपने दोस्तों, सहयोगियों, परिवार और उस समाज से जिसे मैंने आहत किया। मैं अपने गुस्से पर काबू पाने की कोशिश करूंगा और भविष्य में सोच-समझकर शब्दों का चयन करूंगा। उम्मीद है कि मुझे माफ किया जाएगा।”
क्या था विवाद?
इस पूरे विवाद की शुरुआत फिल्म फुले को लेकर हुई, जो जातिवाद जैसे संवेदनशील मुद्दे पर आधारित थी। फिल्म को रिलीज से रोक दिया गया क्योंकि उस पर जातिवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगा। इसके बाद अनुराग कश्यप ने सोशल मीडिया पर सेंसर बोर्ड और ब्राह्मण समाज के खिलाफ कुछ तीखी टिप्पणियां कर दीं। यही बात लोगों को नागवार गुज़री और विवाद बढ़ता चला गया।
क्या लिखा था अनुराग ने?
फिल्म फुले की स्क्रीनिंग से जुड़े विवाद पर टिप्पणी करते हुए अनुराग ने लिखा था, “धड़क 2 की स्क्रीनिंग में सेंसर बोर्ड ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत से जाति व्यवस्था खत्म कर दी है। इसी वजह से संतोष भी रिलीज नहीं हो पाई। अब ब्राह्मणों को फुले से परेशानी है। जब जाति व्यवस्था ही नहीं है, तो फिर ब्राह्मण किस बात से आहत हैं? आप कौन हैं और क्यों आपको तकलीफ हो रही है?”

इस बयान के बाद लेखक मनोज मुंतशिर सहित कई लोगों ने अनुराग को आड़े हाथों लिया और उन्हें संयम बरतने की सलाह दी।