LOK SABHA ELECTIONS 2024 : कई महीनों से अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस के उम्मीदवारों के नाम पर सस्पेन्स बना हुआ था, जिसे पार्टी ने आज यानी शुक्रवार (3 मई, 2024) को खत्म कर दिया है। कयासों से उलट, जहां एक ओर रायबरेली से राहुल गांधी ने चुनाव लड़ने का फैसला किया है, वहीं अमेठी से कांग्रेस ने किशोरी लाल शर्मा (के एल शर्मा) को अपना उम्मीदवार चुना है। वैसे तो राहुल गांधी के यूपी के इन दोनों सीटों में से किसी एक पर चुनाव लड़ने के आसार नजर आ ही रहे थे लेकिन के. एल शर्मा सभी के लिए एक सर्प्राइज बनकर सामने आए। ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल उठने शुरू हो गए हैं की आँकहिर कौन हैं किशोरी लाल शर्मा जिन्हें कांग्रेस ने अमेठी लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार चुना है?
बता दें कि काफी समय से अमेठी में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को लेकर राहुल गांधी का नाम काफी चर्चा में था, जबकि रायबरेली से प्रियंका के चुनाव लड़ने की उम्मीद नजर आ रही थी। लेकिन कांग्रेस ने राहुल को उनकी पारिवारिक सीट रायबरेली से चुनाव लड़वाने का फैसला किया। बता दें की यह पहली बार होगा जा राहुल रायबरेली सीट से चुनावी मैदान में उतरेंगे। इससे पहले राहुल अमेठी से 3 बार (2004, 2009 और 2014) लोकसभा सांसद रह चुके हैं। 2019 लोक सभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने उन्हें अमेठी से हर दिया था। राहुल से पहले अमेठी सीट पर उनकी मां और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सांसद (1999) थीं।
के एल शर्मा ने करवाई सोनिया गांधी की लोकसभा में एंट्री !
दरअसल, 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मृत्यु के बाद से ही अमेठी में कांग्रेस को मजबूत करने की जिम्मेदारी किशोरी (Kishori Lal Sharma)ने अपने कंधों पर उठाई थी। बता दें की 1991 से लेकर 1998 तक अमेठी लोक सभा सीट पर गांधी परिवार के किसी भी सदस्य ने चुनाव नहीं लड़ा था। इसके बावजूद के एल शर्मा ने अमेठी में कांग्रेस का प्रचार-प्रसार में कमी ना छोड़ते हुए पार्टी उम्मीदवारों के लिए कैंपेन और अन्य कार्यों का जिम्मा संभाला। हालांकि यह बात ध्यान देने वाली है साल 1983 से ही अमेठी और रायबरेली में किशोरी सक्रिय रहे। कहा जात है कि राजीव गांधी ने खुद उन्हें अमेठी निर्वाचन क्षेत्र का कार्यभार सौंपा था।
यह बात शायद बहुत कम लोगों को पता है कि 1999 में अमेठी लोकसभा सीट से सोनिया गांधी को चुनाव जिताने में किशोरी लाल शर्मा की बहुत अहम भूमिका थी। सोनिया गांधी के खास माने जाने वाले किशोरी ने अमेठी के साथ-साथ रायबरेली में भी अपना जादू बिखेरा और 2004 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली सीट पर एक बार फिर गांधी परिवार का दबदबा लौटा। 1980 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रायबरेली से अंतिम बारचुनाव लड़ा और जीता था, उसके बाद से 2003 तक गांधी परिवार का कोई भी सदस्य इस सीट चुनाव नहीं लड़ा था। हालांकि इस सीट पर दबदबा कांग्रेस का ही रहा। इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद इस सीट पर 11 बार चुनाव हुआ जिसमें 9 बार कांग्रेस और 2 बार बीजेपी को जीत मिली। के एल शर्मा ने रायबरेली में भी कांग्रेस की पकड़ को मजबूत किया।
सांसद प्रतिनिधि बनकर सोनिया को जिताया हर बार
साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी ने अमेठी सीट छोड़कर रायबरेलीस से चुआव लड़ा और वहां से सांसद बनीं। तब के एल शर्मा को सांसद प्रतिनिधि की जिम्मेदारी सौंपी गई। बताया जाता है की सोनिया गांधी जब रायबरेली में मौजूद नहीं रहती थीं तो उस समय क्षेत्र का कार्यभार किशोरी के कंधों पर ही होता था। सोनिया गांधी रायबरेली से 5 बार चुनाव जीतीं (4 लोकसभा चुनाव, एक उपचुनाव)।
अमेठी में कांग्रेस के प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा का सीधा मुकाबला स्मृति ईरानी से है, जिन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को हराया था। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि गांधी परिवार को अमेठी-रायबरेली में जीत दिलाने वाले चाणक्य के एल शर्मा जनता को अपनी ओर खींचने में कितने कामयाब होते हैं।