एनसीआर (NCR) में बच्चों की शिक्षा का खर्च तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन सबसे ज्यादा बोझ गुरुग्राम और हरियाणा के अभिभावकों पर पड़ रहा है। यहां पर बच्चों की पढ़ाई पर होने वाला मासिक खर्च दिल्ली और यूपी के मुकाबले लगभग दोगुना है, जिससे माता-पिता की चिंता बढ़ गई है।
कितनी बढ़ रही है शिक्षा पर लागत?
एक सरकारी सर्वे के अनुसार, गुरुग्राम और आसपास के हरियाणा के शहरों में पेरेंट्स औसतन ₹37,148 प्रति माह बच्चों की पढ़ाई पर खर्च कर रहे हैं। इसमें से सिर्फ कोर्स फीस ही ₹24,838 तक जाती है। वहीं, दिल्ली में यही औसत खर्च ₹21,011 रुपये है। नोएडा-गाजियाबाद और यूपी के अन्य शहरों में पेरेंट्स को हर महीने करीब ₹19,151 रुपये खर्च करने पड़ते हैं।
किस लेवल पर कितना खर्च?
बच्चे किस कक्षा में पढ़ रहे हैं, इसके आधार पर खर्च में बड़ा अंतर आता है। प्राथमिक स्तर पर भी हरियाणा के पेरेंट्स दिल्ली और यूपी से कहीं ज्यादा खर्च कर रहे हैं। मिडिल और सेकेंडरी लेवल पर यह खर्च और भी बढ़ जाता है। खासतौर पर हायर सेकेंडरी स्तर पर खर्च सबसे ज्यादा है।
लड़कों और लड़कियों पर खर्च में फर्क
हरियाणा में एक अलग पैटर्न देखने को मिला है। यहां ग्रामीण परिवार लड़कियों पर लड़कों से ज्यादा खर्च कर रहे हैं। औसतन लड़कों पर ₹10,365, जबकि लड़कियों पर ₹25,572 प्रति माह खर्च होता है। दिल्ली और यूपी में इसका उल्टा है। दिल्ली में लड़कों पर औसतन ₹18,761 और लड़कियों पर ₹16,401 खर्च होता है। यूपी में भी लड़कों पर अधिक खर्च किया जाता है।
ट्यूशन और अन्य खर्च
हरियाणा में ट्यूशन और अतिरिक्त खर्च औसतन ₹12,974 तक पहुंच जाता है। वहीं, दिल्ली में यह खर्च लगभग ₹5,625, और यूपी में मात्र ₹2,077 है।
क्यों ज्यादा है हरियाणा में पढ़ाई महंगी?
गुरुग्राम और आसपास के इलाकों में महंगे प्राइवेट स्कूलों की संख्या काफी अधिक है। ये स्कूल सालाना ₹3 लाख से ₹15 लाख तक फीस वसूलते हैं। हालांकि दिल्ली और यूपी में भी महंगे स्कूल मौजूद हैं, लेकिन औसत के हिसाब से वहां का खर्च गुरुग्राम और हरियाणा के मुकाबले काफी कम है।