Bear Market: क्रिप्टो मार्केट में बीते कुछ दिनों से उछाल देखने को मिल रहा है। लेकिन निवेशकों को लगातार हो रहे क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव के चलते बेयर मार्केट फेज की चिंता सताने लगी है। दरअसल, बेयर मार्केट फेज निवेशकों और इन्वेस्टर्स दोनों के लिए ही बाधा का कारण होता है। बता दें कि बेयर मार्केट फेज तब होता है जब क्रिप्टोकरेंसीज की कीमतें 20 प्रतिशत से नीचे गिरने लगती हैं। उस समय मार्केट को बेयर फेज में होना मान लिया जाता है। इस फेज से बचना निवेशकों के लिए आसान नहीं होता।
इन दिनों क्रिप्टो मार्केट के हालात को देखते हुए निवेशकों को धैर्य बनाए रखना मुश्किल हो रहा है। हालांकि निवेशक इन स्टेप्स के जरिए बेयर फेज का फायदा उठा सकते हैं।
Bear Market: डॉलर- कॉस्ट एवरेजिंग
जब क्रिप्टो मार्केट में गिरावट का दौर शुरू होता है तो निवेशक यह सोचते हैं कि उनके पास अब इस गिरावट को बैठकर देखने के सिवा कोई चारा नहीं है। तब आप डीसीए या डॉलर- कॉस्ट एवरेजिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं। डीसीए से आपके द्वारा किए गए निवेश से इनवेस्टमेंट का विस्तार करने में हेल्प मिलती है।
पोर्टफोलियो का डायवर्जन
डायवर्जन आपके इनवेस्टमेंट पूल के लिए रिस्क घटाने में मदद करता है। अगर आप अपने पैसे अलग-अलग करेंसी में लगाते हैं तो इससे आपको पता होगा कि आपके पैसे जीरो नहीं होंगे। डायवर्जन से आपको प्रॉफिट की उम्मीद बना रहती है।
स्टेकिंग
ऐसे क्रिप्टो जो प्रूफ ऑफ स्टेक कनसेंस का इस्तेमाल करते हैं। वह अपने प्लेटफॉर्म पर स्टेकिंग की इजाजत देते हैं। यह आपको स्टेकिंग पैसिव अर्निंग का मौका देता है। जिससे आप बेयर मार्केट फेज के दौरान भरपाई कर सकते हैं।
स्कॉल्प ट्रेडिंग
उतार- चढ़ाव को देखते हुए स्कॉल्प ट्रेडिंग निवेशकों के लिए अच्छा जरिया होता है। इसका अर्थ होता है बार-बार क्रिप्टो की बिक्री और खरीदारी। इससे प्रॉफिट इतना ज्यादा हो जाता है कि आपको अच्छा रिटर्न मिलता है।
संबंधित खबरें: