तिरुवनंतपुरम की एक सीबीआई अदालत ने 1992 में हुई 19 वर्षीय सिस्टर अभया की हत्या के मामले में आरोपी पादरी थॉमस कोट्टूर और सिस्टर सेफी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने मंगलवार को सिस्टर अभया की हत्या के सिलसिले में कैथोलिक पादरी और नन को दोषी पाया था।
सिस्टर अभया का शव 1992 में कोट्टायम के एक कॉन्वेंट के कुएं में मिला था। अदालत ने कहा कि फादर थॉमस कोट्टूर और सिस्टर सेफी के खिलाफ हत्या के आरोप साबित होते हैं। दोनों न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले में अन्य आरोपी फादर फूथराकयाल को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है।
मंगलवार को 28 साल बाद अदालत का फैसला आया है। अभया के माता-पिता की कुछ साल पहले मौत हो गई थी। सीबीआई जांच से पहले स्थानीय पुलिस और फिर अपराध शाखा ने मामले की जांच की और कहा था कि यह खुदकुशी का मामला है।
सीबीआई ने 2008 में मामले की जांच अपने हाथ में ली थी। इस मामले में सुनवाई पिछले साल 26 अगस्त को शुरू हुई थी। अभियोजन के मुताबिक, अभया पर कुल्हाड़ी के हत्थे से हमला किया गया था, क्योंकि वह कुछ अनैतिक गतिविधियों की गवाह थी।