मथुरा की अदालत ने मंगलवार को दिल्ली स्थित खुदाई खिदमतगार के संस्थापक फैसल खान और उसके सहयोगी चांद मोहम्मद की जमानत याचिका खारिज कर दी। दो नवंबर को मथुरा के नंद बाबा मंदिर में बिना अनुमति के नमाज अदा करने पर दोनों को गिरफ्तार किया गया था।

पुलिस के मुताबिक, फैसल खान और चांद मोहम्मद ने मंदिर परिसर में नमाज अदा की, जबकि दो अन्य, आलोक रतन और नीलेश गुप्ता ने उनकी तस्वीरें क्लिक कीं।

मंदिर में नमाज पढ़ने वाले और खुद को खुदाई खिदमतगार संगठन से जुड़ा बताने वाले फैसल खान ने कहा था कि वह कई दिनों की यात्रा पर था. इस यात्रा का मकसद हिन्दू-मुस्लिम एकता था. हम अपने साथियों के साथ मंदिर में जा रहे थे। लोगों से एकता की बात कर रहे थे। इसी तरह नंदबाबा के मंदिर में भी गए थे। जब नमाज़ का वक्त हो गया तो मंदिर के लोगों ने ही हमें नमाज़ पढ़ने के लिए जगह दी। उसके बाद खाना भी खिलाया। इसके बाद हम लोग वापस दिल्ली आ गए। इसके तीन दिन बाद विरोध शुरू हो गया। गौरतलब रहे कि इसके बाद ही फैसल खान को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

पुलिस के विशेष जांच दल ने फैजल खान को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद फैजल खान ने अपने वकील के माध्यम से जमानत के लिए अर्जी लगाई थी जबकि उसका मित्र चांद मोहम्मद पुलिस की पकड़ में नहीं आ पाया है। उसने मथुरा की अदालत में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था।

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