अयोध्या स्थित ढांचा ध्वंस मामले में सुनवाई कर रही सीबीआई की विशेष अदालत ने दोनों गवाहों को पीड़ित मानने से इनकार कर दिया। अदालत ने बहस की मांग वाली उनकी अर्जी खारिज कर दी। सीबीआई के वकील ललित कुमार सिंह और आरके यादव ने इस अर्जी का विरोध किया।
विशेष न्यायाधीश एसके यादव ने कहा कि यह मामला वर्षों से लंबित है, लेकिन दोनों गवाहों सैय्यद अखलाक अहमद और हाजी महबूब अहमद ने खुद को पीड़ित बताकर कोर्ट में कभी कोई अर्जी नहीं दी। अब अभियोजन की गवाही पूरी हो चुकी है, आरोपियों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं और सीबीआई ने अपनी लिखित बहस भी दाखिल कर दी है। ऐसे में लगता है कि मुकदमे में अनावश्यक देरी उत्पन्न करने की नीयत से दोनों गवाहों ने अर्जी दी है।
कोर्ट के अनुसार दोनों गवाहों को सीबीआई ने पक्षद्रोही घोषित नहीं किया है। दोनों ने जो गवाही दी है, निर्णय के समय उसकी समीक्षा की जाएगी। दोनों गवाह पीड़ित की श्रेणी में नहीं आते, लिहाजा उन्हें अपनी पसंद का वकील नियुक्त करने और बहस दाखिल करने की अनुमति देने का कोई औचित्य नहीं है। इसके साथ ही अदालत ने बचाव पक्ष को लिखित बहस दाखिल करने के लिए 26 अगस्त की तारीख तय की है। सुनवाई के समय आरोपी की ओर से हाजिरी माफ करने की अर्जी दी गई।