मध्य प्रदेश के इकलौते बाल हितैषी न्यायालय का मंगलवार को न्यायमूर्ति अजय कुमार मित्तल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होशंगाबाद न्यायालय परिसर में शुभारंभ किया । इस न्यायालय में वह बच्चे रहेंगे जिनके साथ अपराध घटित हुए हैं। पॉक्सो एक्ट, बाल अपराध से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए यह न्यायालय तैयार किया गया है। न्यायालय परिसर में यह बिल्डिंग बनकर तैयार है।
इस न्यायालय में आरोपी को बालक- बालिका सीधा पहचान सकेंगे, लेकिन आरोपी पीड़ित बालक-बालिका को नहीं देख सकेगा। इस बिल्डिंग में रहने, भोजन के साथ बच्चों के लिए खिलौने और मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध रहेंगे। इस बाल हितैषी न्यायालय में अपराध घटित बालक-बालिका की सुनाई सीधे होगी। यह न्यायालय आधुनिक संसाधनों से लैस होगा।
डिस्टिक जज चन्द्रेश कुमार खरे ने बताया कि होशंगाबाद मध्य प्रदेश का पहला जिला है, जहां चिल्ड्रन फ्रेंडली कोर्ट बना है. यहां जल्द ही कामकाज शुरू कर दिया जाएगा। इस बाल हितैषी न्यायालय के सबसे पहले पीठासीन अधिकारी न्यायाधीश सुरेश कुमार चौबे होंगे।