भारत की दिग्गज बिजनेस चैंबर फिक्की ने मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को घटा दिया है। अपनी ताजा इकॉनमिक आउटलुक रिपोर्ट में फिक्की ने भविष्यवाणी की है कि इस वर्ष भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.4 फीसदी रह सकती है, जबकि पहले इसे 7 फीसदी तक रहने का अनुमान जताया गया था। यह सर्वे देश के प्रमुख उद्योग, बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर के विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाओं के आधार पर तैयार किया गया है।
बजट 2025 में आय बढ़ाने के लिए फिक्की ने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। उनका कहना है कि बजट में निजी खपत को बढ़ाने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसके लिए डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स रेट्स की समीक्षा की जानी चाहिए, ताकि लोगों के पास अधिक डिस्पोजेबल इनकम हो और वे खर्च करने के लिए प्रोत्साहित हो सकें। इसके अलावा, खाद्य महंगाई से जूझ रहे लोगों के लिए राहत देने की आवश्यकता भी महसूस की गई है।
फिक्की के सर्वे में यह भी बताया गया है कि भारत के आर्थिक परिदृश्य में 2025 में सुधार की संभावना है, लेकिन बाहरी संकटों के चलते सतर्क रहना भी जरूरी होगा। कृषि क्षेत्र में सुधार की उम्मीद के साथ ग्रामीण इलाकों में खपत बढ़ने का अनुमान है, जिससे उपभोक्ता खर्च में वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कमी की उम्मीद भी कंजम्प्शन को बढ़ा सकती है।
आखिरकार, फिक्की का मानना है कि वर्तमान वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में इकोनॉमिक एक्टिविटी में तेजी आ सकती है, क्योंकि सार्वजनिक पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी, फेस्टिव डिमांड और सामान्य इंडस्ट्रियल एक्टिविटी के कारण आर्थिक गतिविधियों में उत्साह का संचार होगा।