अगर आप नौकरीपेशा हैं और अभी तक इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल नहीं किया है, तो यह खबर आपके लिए राहत भरी हो सकती है। केंद्र सरकार ने बिना ऑडिट वाले टैक्सपेयर्स के लिए ITR दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर अब 15 सितंबर 2025 कर दी है।
किन टैक्सपेयर्स को मिला फायदा?
यह छूट उन टैक्सपेयर्स के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी जो आम तौर पर जून के दूसरे हफ्ते के बाद ITR दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू करते हैं। इसकी वजह यह है कि अधिकांश कर्मचारियों को फॉर्म 16 जून के मध्य तक ही मिल पाता है, जिससे रिटर्न भरने की तैयारी में वक्त कम मिल पाता था। अब इस नई डेडलाइन से उन्हें पर्याप्त समय मिल जाएगा।
ऑडिट वाले मामलों में कोई बदलाव नहीं
हालांकि, जिन टैक्सपेयर्स के खातों का ऑडिट अनिवार्य है, उनके लिए डेडलाइन में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। ऐसे टैक्सपेयर्स को 30 सितंबर 2025 तक टैक्स ऑडिट रिपोर्ट और 31 अक्टूबर 2025 तक ITR फाइल करना होगा।
इस साल फॉर्म उपलब्ध होने में देरी क्यों हुई?
आमतौर पर ITR फॉर्म 1 अप्रैल से उपलब्ध हो जाते हैं, लेकिन इस बार फॉर्म और ई-फाइलिंग पोर्टल में बदलाव किए गए, जिससे उनका ऑनलाइन रिलीज़ एक महीने देर से हुआ। इसी वजह से रिटर्न फाइलिंग प्रक्रिया की शुरुआत में ही विलंब हो गया, और सरकार ने रिटर्न भरने की समयसीमा बढ़ाने का निर्णय लिया।
TDS से जुड़े अपडेट का भी असर
सरकार का कहना है कि TDS स्टेटमेंट्स की फाइलिंग 31 मई 2025 तक होती है, और उनका क्रेडिट टैक्सपेयर्स को जून के शुरुआती हफ्तों में दिखाई देता है। ऐसे में अगर डेडलाइन 31 जुलाई ही रहती, तो रिटर्न भरने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता। इसीलिए 15 सितंबर की नई तारीख तय की गई है।
लेट फाइलिंग और सुधार की भी समयसीमा
अगर आप 15 सितंबर की डेडलाइन तक भी ITR नहीं भर पाते, तो 31 दिसंबर 2025 तक विलंबित रिटर्न (Belated ITR) दाखिल कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको अधिकतम ₹5,000 की पेनल्टी चुकानी पड़ सकती है। यदि आपने ITR पहले ही भर दिया है और उसमें कोई त्रुटि रह गई है, तो उसे रिवाइज़ करने की आखिरी तारीख भी 31 दिसंबर 2025 है। वहीं, विशेष परिस्थितियों में आप 31 मार्च 2026 तक अपडेटेड ITR (ITR-U) दाखिल कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए कुछ नियम लागू होंगे।