भारतीय शेयर बाजार को गुरुवार को अमेरिकी टैरिफ से जबरदस्त झटका लगा। अमेरिका द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लागू किए जाने के बाद निवेशकों की धारणा कमजोर हुई और पूरे दिन बाजार में बिकवाली हावी रही।
सेंसेक्स और निफ्टी का हाल
कारोबार के अंत में बीएसई सेंसेक्स 705.97 अंक टूटकर 80,080.57 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 211.15 अंक गिरकर 24,500.90 पर आ गया। यह लगातार दूसरा सत्र रहा जब बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ।
लगभग सभी सेक्टोरल इंडेक्स दबाव में रहे। केवल कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर हरे निशान में टिक पाया, जबकि बैंकिंग, आईटी, एफएमसीजी, रियल्टी और टेलीकॉम सेक्टर में करीब 1% तक की गिरावट दर्ज की गई।
टॉप लूजर्स और गेनर्स
निफ्टी के सबसे बड़े लूजर्स:
- श्रीराम फाइनेंस
- एचसीएल टेक्नोलॉजीज
- टीसीएस
- पावर ग्रिड कॉरपोरेशन
- इंफोसिस
निफ्टी के गेनर्स:
- टाइटन कंपनी
- एलएंडटी
- कोल इंडिया
- एशियन पेंट्स
- हीरो मोटोकॉर्प
गिरावट के पीछे की बड़ी वजह
विशेषज्ञों के मुताबिक अमेरिकी टैरिफ से भारतीय निर्यात पर सीधा दबाव पड़ेगा और कई कंपनियों की आय पर असर देखने को मिलेगा। यही कारण रहा कि निवेशकों ने रिस्क से बचने के लिए भारी बिकवाली की।
साथ ही, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की लगातार बिकवाली. कमजोर वैश्विक संकेत ने भी बाजार की कमजोरी को और गहरा किया।
2 दिन पहले भी भारी नुकसान
इससे पहले मंगलवार को भी बाजार में भारी गिरावट आई थी। उस दिन निवेशकों की संपत्ति में करीब 5.41 लाख करोड़ रुपये की कमी आई थी। सेंसेक्स उस दिन 849.37 अंक गिरकर 80,786.54 पर बंद हुआ था।
एक्सपर्ट व्यू
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले दिनों में शेयर बाजार की दिशा काफी हद तक अमेरिकी नीतियों, वैश्विक रुझानों और विदेशी निवेशकों के रुख से तय होगी। अल्पावधि में उतार-चढ़ाव और तेज होने की संभावना है, हालांकि दीर्घावधि निवेशकों के लिए यह समय मजबूत और गुणवत्तापूर्ण शेयरों में निवेश करने का बेहतर अवसर साबित हो सकता है। विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय वस्तुओं पर अमेरिकी टैरिफ लगने के बाद बाजार में निराशा का माहौल बढ़ा, जिसका सीधा असर निवेशकों की धारणा पर पड़ा और घरेलू शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए।









