सरकारी बैंक एसबीआई और प्राइवेट सेक्टर का यस बैंक ग्राहकों को नए साल का तोहफा देने जा रहे हैं। एसबीआई जहां एक ओर अपने बैंक खातों में मिनिमम बैलेंस रखने की सीमा को कम करने की योजना बना रहा है तो वही दूसरी ओर यस बैंक अपने ग्राहकों के लिए एक ऐसा एटीएम लाने की तैयारी कर रहा है, जिसके इस्तेमाल के लिए न ही कार्ड की जरूरत होगी और न ही पिन की।
ऐसे काम करेगा ये एटीएम
यस बैंक ने फिनटेक क्षेत्र की स्टार्टअप नियरबाय टेक्नोलॉजीज के साथ करार किया है, जिसके तहत नियरबाय ऐसा ATM उपलब्ध कराएगी, जिससे कैश निकालने के लिए उपभोक्ताओं को न ही कार्ड की जरूरत पड़ेगी और न ही पिन नंबर की। इस आधुनिक तकनीक के जरिए कार्ड उपयोगकर्ता सिर्फ आधार नंबर और उंगली की छाप का इस्तेमाल कर नकदी निकाल सकेंगे या अन्य किसी भी तरह का लेनदेन कर सकेंगे।
यस बैंक ने बताया, ‘पेनियरबाय मोबाइल एप्लिकेशन’ का इस्तेमाल स्मार्टफोन पर किया जा सकेगा। पेनियरबाय आधार एटीएम को यस बैंक और बिजनेस कॉरस्पॉन्डेंट के जरिए उपलब्ध कराया जाएगा, जिसके नेटवर्क में 40,000 टच पॉइंट होंगे।
घटेगी एसबीआई के मिनिमम बैलेंस की सीमा
हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक ने मिनिमम बैलेंस न रखने वाले खाताधारकों से लगभग 1771 करोड़ रुपए पेनल्टी के तौर पर वसूले थे, जिससे एसबीआई खाताधारकों को करारा झटका लगा था। लेकिन अब एसबीआई के ग्राहकों को आने वाले समय में थोड़ी राहत की खबर मिल सकती है, एसबीआई ग्राहकों के बचत खातों से मिनिमम बैंलेस की सीमा कम करने की योजना बना रहा है। साथ ही एसबीआई मिनिमम बैलेंस से कम राशि रखने पर लगने वाली पेनल्टी को भी कम कर सकता है।
ये हैं पेनल्टी राशि
मौजूदा समय में स्टेट बैंक अपने मेट्रो ब्रान्चेस के ग्राहकों से 3000 रुपए से कम बैलेंस रखने पर 30 से 50 रुपए तक पेनल्टी वसूलता है, जबकि अर्बन एरिया में 2000 रुपए से कम बैलेंस रखने पर 20 से 40 रुपए तक का चार्ज वसूलता है तो वही गांवो के ग्राहकों से 1000 रुपए से कम मिनिमम बैलेंस रखने पर 40 रुपए तक का चार्ज वसूलता है। मिनिमम बैलेंस से कम रखने पर एसबीआई अपने ग्राहकों से पेनल्टी के साथ-साथ भी टैक्स भी वसूलता है।
जानिए नयी मिनिमम बैलेंस की सीमा
बता दे, नए साल पर ब्याज दरों में कमी की घोषणा कर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अपने ग्राहकों को पहले ही तोहफा दे चुकी है, इसी कड़ी में बैंक अब मिनिमम बैलेंस की सीमा को घटाकर 1000 रुपये तक कर सकता है। साथ ही खाते में हर महीने निश्चित बैलेंस बनाए रखने की शर्त को भी खत्म कर सकता है।