डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती का सिलसिला बरकरार है। मंगलवार की गिरावट के बाद रुपये ने मजबूती के दायरे को और बढ़ा लिया है। रुपया बुधवार को 22 पैसे की छलांग लगाकर तीन महीने के उच्चतम स्तर को छूने के बाद 67.19 रुपए प्रति डॉलर पर पहुंच गया। बाजार के कारोबारियों का कहना है कि निर्यातकों और बैंकों ने डॉलर की बिकवाली को बढ़ा रखा था। लगातार 9 कारोबारी दिवस में 99 पैसे मजबूत होने के बाद गत दिवस भारतीय मुद्रा 20 पैसे टूटकर 67.42 रूपए प्रति डॉलर हो गयी थी लेकिन अब इसने जबरदस्त उछाल के साथ वापसी की है। विदेशों में डॉलर की मजबूती के बावजूद रुपया मजबूत बना रहा।
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी प्रमुख ब्याज दर रीपो को 6.25 फीसदी के स्तर पर बनाए रखने की घोषणा की है साथ ही तेल और धातुओं के दामों में लंबे समय तक निरंतर होने वाली वृध्दि के जोखिम के मद्देनजर नीतिगत रुख को ‘उदार’ से बदल कर ‘तटस्थ’ कर दिया है जिससे भविष्य में नीतिगत दर में कटौती की संभावना कम हो गई है। यह लगातार दूसरी द्विमासिक समीक्षा है जबकि बैंक ने ब्याज कम नहीं किये है।
पिछली समीक्षा 7 दिसंबर को भी उसने नीतिगत दर में बदालव नहीं किये थे। रुपया बुधवार को प्रति डॉलर 67.38 पर मजबूती के साथ खुला जबकि 67.41 कल की बंद दर थी। दोपहर बाद रुपया मजबूत होकर 67.18 तक चला गया और अंत में 22 पैसे या सुधर कर 67.19 पर बंद हुआ। 11 नवंबर के बाद यह रुपये का सबसे मजबूत स्तर है। कल इसमें प्रति डॉलर 19 पैसे की गिरावट आई थी।