अपने बिगड़े बोल के चलते सुर्खियों में रहे यूपी के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी से एक और बड़ा विवाद में फंसते जा रहे हैं। नंदी नीरव मोदी की राह पर निकल गए हैं हैं। नीरव मोदी ने बैंको को कंगाल बनाकर अपनी झोली भरी। उसी तरह से बैंकों के पैसों से अपना साम्राज्य बनाने वाले योगी के मंत्री नंद गोपाल नंदी बैंकों के कर्ज चुकाने में आनाकानी कर रहे हैं। मंत्री नंद गोपाल नंदी और उनकी पत्नी पर बैंकों का भारी कर्ज है। नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन अभी तक कार्रवाई की आंच मंत्री तक नहीं पहुंच सकी है। इस पर अब सियासत भी तेज हो गई है। नंदी पर कार्रवाई की मांग भी तेज हो गई है। अब सवाल उठता है कि क्या सरकार नंदी पर कार्रवाई करेंगी हैं।
कुछ दिन पहले रामायण का पाठ पढ़कर विपक्षियों को खलनायक बोलकर खुद को नायक समझने वाले योगी सरकार के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी की गंदी जुबान तो सबने सुनी, लेकिन उनकी करतूत अब सुर्खियां बन रही हैं। अरबों के मालिक बने नंदी का कारोबार उधारी पर चलता है। बैंक से अरबों रूपये बकाया है लेकिन मंत्री जी डकार कर बैठे हुए हैं। हमेशा सत्ता के करीब रहते हैं और अपने दामन को बचाए रखते हैं हैं। सत्ता से करीब हैं इसलिए बैंक वाले भी नंदी के खिलाफ मुंह नहीं खोलते। न ही उनसे वसूली करने की हिम्मत जुटाते हैं हैं।
पहले माया सरकार में भी मायावती के चहते मंत्रियों में थे और अब योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने हुए हैं। यानि सत्ता के करीब रहकर अपना सलतनत चलाते आए हैं हैं। पत्नी भी इलाहाबाद से मेयर हैं। नंदी का कारोबार काफी फैला हुआ हैं। नंदी और उनकी पत्नी के नाम कई कंपनियां हैं। इन कंपनियों पर कई बैंकों के करोड़ों रूपये कर्ज हैं। लेकिन बैंक वाले इनके रसूक के आगे कुछ नहीं बोल पाते हैं। ऐसे में नंदी जैसे ताकतवर और मंत्रियों से कर्ज वसूली करना बैंकों के लिए लोहे चबाने जैसा ही है।
आइए आपको बताते हैं कि नंद कुमार नंदी और उनकी पत्नी अभिलीषा गुप्ता से जुड़ी कंपनियों के करोड़ों कर्ज के बारे में:
इन बैंकों से लिए लोन
1-जान्हवी इन्डस्ट्रीज
खाता संख्या- 530805040000152
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
करैली ब्रांच, इलाहाबाद
बकाया तकरीबन 15 करोड़ रुपए
2- नंदी राम इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड
जम्मू एंड कश्मीर बैंक
मानसरोवर जीरो रोड ब्रांच
बकाया तकरीबन 20 करोड़ रुपए
3- नंदी एग्रो इनीशिएटिव प्रा. लि.
जम्मू एंड कश्मीर बैंक
मानसरोवर जीरो रोड ब्रांच
बकाया तकरीबन 30 करोड़ रुपए
4-जान्हृवी सेल्स
जम्मू एंड कश्मीर बैंक
मानसरोवर जीरो रोड ब्रांच
बकाया तकरीबन 15 करोड़ रुपए
5-अन्नपूर्णा ट्रेडर्स
बैंक ऑफ बड़ौदा
बहादुरगंज ब्रांच
तकरीबन 5 करोड़ रुपए
नंदी ने सबसे ज्यादा 55 करोड़ रुपए का कर्ज जम्मू एंड कश्मीर बैंक से लिया है। दो बैंकों से 15 और 5 करोड़ रुपए कर्ज लिया है। इन कर्ज में अन्नपूर्णा ट्रेडर्स और मुक्ता मिश्रा के नाम पर बैंक ऑफ बड़ौदा से लिए गए कर्ज के लिए कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी और अभिलाषा गुप्ता ने गारंटी ली है। 15 जनवरी 2016 तक चार करोड़ 73 लाख रुपये से अधिक का कर्ज हो गया था, जिसे निर्धारित तारीख तक नहीं चुकाया गया। इसके बाद बैंक को मजबूर होकर अभिलाषा गुप्ता की अचल संपत्ति को जब्त कर नीलाम करने का नोटिस जारी करना पड़ा। नीलाम होने वाली पांच तरह की संपत्ति एक हेक्टेयर से अधिक हैं, जो अरैल में है। इनकी कीमत आठ करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है।
बाकी बैंक अभी भी चुप्पी साधे बैठे हैं। बैंकों की खामोशी टूटेगी तो सबको खलनायक बताने वाले नंद गोपाल नंदी को अपने गिरेबान में झांकना होगा। करोड़ों रूपए के कर्जदार नंदी इतनी भारी भरकम कर्ज कैसे चुकाएंगे। सवाल ये भी उठता है कि बैंकों ने कैसे इन कंपनियों को इतना कर्ज दिया। किस आधार पर बैंकों ने करोड़ों की रूपये बांट दिए। विपक्ष पर सवाल उठाने वाले नंद कुमार नंदी खुद सवालों के घेरे में हैं। विपक्ष अब नंदी की गंदी जुबान का हिसाब मांग रहा है।
बैंकों का करोड़ों का बकाया है। देश के अमीर गरीबों का पैसा लूट कर विदेश भाग रहे हैं। ऊंची पहुंच रखने वाले नीरव मोदी खरबों का खेल कर देश से फरार हो चुका है। नंदी ने भी ऊंची पहुंच के बल पर बैंक का मुंह बंद कर दिया है। बैंक वाले भले ही अभी कैमरे पर कुछ भी कहने से डर रहे हों। रसूख के आगे अपना मुंह नहीं खोल रहे हों लेकिन जब खुलेगी तो सब कुछ सामने आ जाएगा। जब हमने यूपी सरकार में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से बात की तो उन्होंने बताया कि ये मामला बैंक से जुड़ा है और सरकार इसमें क्या कर सकती है यानि केशव प्रसाद मौर्य कन्नी काटते नजर आए।
देश की गाढ़ी कमाई लूटकर जब से अमीरों ने विदेशों में ठिकाना बनाना शुरू किया तब से सरकार चौकन्नी हो गई है। सरकार ने बैंकों के कर्जदारों को ढूंढना शुरू कर दिया है। उन कर्जदारों की लिस्ट खंगालनी शुरू कर दी है जो बैंकों से लोन लेकर लौटाने में आनाकानी कर रहे हैं। नीरव मोदी के बाद सरकार चौकन्नी है और इसी कड़ी में ये खुलासा हुआ कि योगी सरकार के मंत्री नंद गोपाल नंदी ने बैंकों के करोड़ों रुपये उधार लेकर अपना अरबों का कारोबार खड़ा किया है। लेकिन बैंक वाले नंदी तक पहुंच नहीं पा रहे हैं। एक गरीब आदमी जब लोन लेता है तो बैंक वाले तुरंत कुर्की और गिरफ्तारी करते हैं लेकिन एक अमीर आदमी जब कर्ज लेता है और चुकाने में आना कानी करता है तब भी उसके गिरेबान पर हाथ डालने से कतराते हैं। यानि रसूखदारों के आगे बैंक वाले आंख मूंद लेते हैं। अमीरों की झोली बैंक वाले बिना गारंटी के भर देते हैं लेकिन एक गरीब बैंकों के चक्कर काटते काटते जूते घिस जाते हैं तब भी दुनिया भर के दस्तावेजों का जखीरा मांगा जाता है तब जाकर सौ में से किसी दो चार गरीबों को लोन मिल पाता है। ऐसे में सवाल उठता है कि अमीरों को लूट की छूट क्यों? क्यों अमीरों पर नहीं होती कार्रवाई? क्यों ऊंची पहुंच रखने वाले रसूखदारों के यहां पुलिस, जांच एजेंसियां, बैंक वाले लेट से पहुंचते हैं ताकि वो चार सौ बीसी करने में कामयाब हो सके। क्या योगी अपने मंत्री नंद कुमार नंदी पर कार्रवाई करेंगे? क्या नंदी बैंकों के कर्च चुकाएंगे? या रसूख के बल पर यूं ही बैंक को टहलाते रहेंगे।