22 सितंबर 2025 से लागू होने वाले नए जीएसटी ढांचे का सीधा असर अब दवाओं और मेडिकल उपकरणों की कीमतों पर दिखेगा। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने दवा और चिकित्सा उपकरण बनाने वाली कंपनियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि जीएसटी दरों में की गई कटौती का पूरा फायदा उपभोक्ताओं और मरीजों तक पहुँचना चाहिए।एनपीपीए के आदेश में कहा गया है कि सभी निर्माता और मार्केटिंग कंपनियां 22 सितंबर से दवाओं और उपकरणों के दाम संशोधित करेंगी और नई मूल्य सूची जारी करेंगी।
कंपनियों को जारी करनी होगी नई लिस्ट
प्राधिकरण ने कंपनियों से कहा है कि नई जीएसटी दरों के अनुरूप दाम तय कर डीलरों, रिटेलरों, राज्य औषधि नियंत्रकों और सरकार तक जानकारी पहुँचाई जाए। साथ ही, प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक चैनल और सोशल मीडिया के जरिए जनता को भी तुरंत इसकी जानकारी दी जाए।
अखबारों में देंगे विज्ञापन
एनपीपीए ने उद्योग संघों से कहा है कि उपभोक्ताओं और रिटेलरों तक संदेश पहुँचाने के लिए स्थानीय और राष्ट्रीय अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित किए जाएं ताकि जीएसटी की नई दरों का पालन सुनिश्चित हो सके।
पहले से बाजार में मौजूद दवाओं पर छूट
यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि कंपनियां नए दाम लागू करने की जानकारी समय पर ग्राहकों तक पहुँचा देती हैं, तो 22 सितंबर से पहले जारी हो चुके स्टॉक पर पुनः लेबलिंग या स्टिकर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी।
कौन सी दवाएं होंगी सस्ती?
56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में निर्णय लिया गया था कि जिन दवाओं पर 5% जीएसटी लगता था, उन पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। यानी ये दवाएं पूरी तरह टैक्स-फ्री हो जाएंगी। वहीं, 12% वाले स्लैब में शामिल दवाओं को 5% पर लाने का कोई बदलाव नहीं किया गया है।