आईटी कंपनी विप्रो को शुक्रवार को एक धमकी भरा ईमेल मिला है, मेल में लिखा है कि 25 मई तक 500 करोड़ रुपए कंपनी मेल में दिए गए तरीकों से अदा कर दे, अगर ऐसा नहीं किया तो ड्रोन के जरिए विप्रो की कैंटीन में राइसिन नाम का जहरीला पदार्थ मिला दिया जाएगा।
मेल भेजने वाले ने डिजिटल करेंसी बिटकॉइन्स में देने की बात कही है। उधर, विप्रो ने अपने सभी ऑफिस में सुरक्षा बढ़ा दी है। कंपनी ने पुलिस में शिकायत कर एफआईआर दर्ज करवा दी है। बेंगलुरु पुलिस के एडिशनल कमिश्नर (क्राइम) एस रवि ने बताया कि इस मामले में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई है। मामले में आगे की जांच जारी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विप्रो ने अपने बयान में कहा कि कंपनी के ऑपरेशंस पर किसी तरह का कोई असर नहीं है। मामले की जांच चल रही है। हालांकि कंपनी ने धमकी के बारे में स्पष्ट रूप से कुछ कहा नहीं।
बता दें कि राइसिन एक ऐसा जहरीला पदार्थ होता है, जिसकी गंध नाक में पहुंचने या खाने के साथ शरीर में पहुंचने पर तुरंत मौत हो जाती है। इसमें प्राकृतिक रूप से लेक्टिन (कार्बोहाइड्रेट-बाइडिंग प्रोटीन) पाया जाता है, जो कि कैस्टर ऑयल (अरंडी का तेल) प्लांट में पाया जाता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक किसी को भी मारने के लिए राइसिन की 1.78 मिलीग्राम मात्रा काफी है। यह सफेद नमक की तरह दिखता है। यह शरीर में पहुंचते ही सीधे कोशिकाओं पर आक्रमण करता है। उनकी प्रोटीन को सिंथेसिस करने की क्षमता को ब्लॉक कर देता है।
बिटकॉइन एक तरह की डिजिटल करेंसी होती है। इसे इलेक्ट्रॉनिक रूप में बनाया जाता है और इसी रूप में इसे रखा भी जाता है। यह ऐसी करेंसी है, जिस पर किसी देश की सरकार का कोई कंट्रोल नहीं है। बिटकॉइन दुनिया में सबसे महंगी केरंसी है। शुरूआत मई को यह 1500 डॉलर के पार चली गई थी, जो अभी भी करीब इसी लेवल पर है। करेंसी विशेषज्ञों का मानना है कि यह करेंसी इस साल 2000 डॉलर के तक जा सकती है।