अमेरिका की रेटिंग एजेंसी मूडीज़ ने शुक्रवार को भारत की क्रेडिट रेटिंग को ‘Baa3’ से बढ़ाकर ‘Baa2’ कर दिया। मूडीज ने भारत की रेटिंग को 13 सालों बाद बढ़ाया है। जिसका फायदा भारतीय कंपनियों को जल्द ही मिलेगा। रेटिंग अपग्रेड के बाद भारतीय कंपनियों में निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और वो इन कंपनियों में निवेश करने से हिचकेंगे नहीं।
आपको बता दें कि विदेशों से फंड की आस लगाए बैठी कंपनियों को कम रेट पर लोन मिल सकेगा। यह ऐसे समय में फायदेमंद होगा जब इन्फ्लेशन की वजह से आरबीआई से रेट में किसी भी तरह के बदलाव की उम्मीद नहीं की जा रही है। इसकी एक बानगी डॉलर डिनॉमिनेटेड इंडियन कॉर्पोरेट बॉन्ड्स के प्रीमियम में देखने को मिल भी रही है। यूबीएस इंडिया के सीईओ आशीष कामत कहते हैं, ‘रिलायंस, एचडीएफसी, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसी टॉप रेटेड कंपनियों को इसका फायदा तुरंत मिलने की उम्मीद है।’
मूडीज के रेटिंग अपग्रेड की वजह से पब्लिक सेक्टर की कंपनियों, बैंकों और कॉर्पोरेट्स को फायदा होने की उम्मीद है। अब वे कम ब्याज दर पर ग्लोबल मार्केट से फंड जुटा पाएंगी। मूडीज के रेटिंग अपग्रेड से भारतीय कंपनियों में निवेश के लिए वैसे लोगों की संख्या बढ़ेगी जो निवेश के लिए रेटिंग एजेंसियों पर निर्भर करते हैं। डीबीएस बैंक के मार्केट हेड आशीष वैद्य कहते हैं, ‘अपग्रेड के बाद नए निवेशकों का एक वर्ग उभरेगा जो इन कंपनियो के बॉन्ड्स में निवेश करेगा। टॉप रेटेड कंपनियों को इसका फायदा मिलेगा।’
बॉन्ड को तरजीह दे रहीं भारतीय कंपनियां
भारतीय कंपनियो को बैंक से कर्ज लेने के बजाय बॉन्ड के जरिए रकम जुटाना आसान लग रहा है क्योंकि फंसे कर्ज में बढ़ोत्तरी से बैंक उधारी में कमी आई है। वहीं निवेशक अपनी नकदी के लिए उच्च प्रतिफल वाली प्रतिभूतियां खोज रहे हैं। आपको बता दें कि इस साल भारत में रिकॉर्ड संख्या में कॉरपोरेट बॉन्ड जारी हुए है, जिसकी आंशिक वजह बैंकिंग क्षेत्र की मुश्किलें है। विभिन्न बैंक 145 अरब डॉलर के फंसे कर्ज का सामना कर रहे हैं और कंपनी जगत को उधार देने में सावधानी बरत रहे हैं।
इक्रा रेटिंग्स के ग्रुप हेड कार्तिक निवासन ने कहा कि लागत में अंतर बॉन्ड जारी करने वालों के लिए बड़ा फायदा है। यह म्युचुअल फंड जैसे निवेशकों के लिए भी लाभकारी है, जो वित्तीय बचत का बड़ा हिस्सा हासिल कर रहे हैं। हालांकि किसी में भी कंपनी के बॉन्ड में निवेश से पहले निवेशकों को जांच परख करनी चाहिए।
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