शेयर बाजार के बारे में बताने वाले Finfluencers पर सख्ती की तैयारी में सरकार, जानिए कौन होते हैं ये लोग ओर कैसे करते हैं काम

सार्वजनिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के उन लोगों जो स्टॉक में पैसे और निवेश के बारे में सलाह के साथ-साथ अपने व्यक्तिगत अनुभवों के बारे में जानकारी देते हैं को फिनफ्लुएंसर (Finfluencers) कहा जाता है.

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Finfluencers

देश में शेयर बाजार समेत अन्य वित्तीय गतिविधियों पर नजर रखने वाली संस्था भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Security Exchange Board of India – SEBI) इस वित्तीय रूप से प्रभावशाली लोगों के लिये दिशानिर्देशों (Guidelines) पर काम कर रहा है. इनको ‘फिनफ्लुएंसर’ (Finfluencers) के नाम से जाना जाता है.

कौन होते है फिनफ्लुएंसर (Finfluencers)?

सार्वजनिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के उन लोगों जो स्टॉक में पैसे और निवेश के बारे में सलाह के साथ-साथ अपने व्यक्तिगत अनुभवों के बारे में जानकारी देते हैं को फिनफ्लुएंसर (Finfluencers) कहा जाता है. इनके वीडियो में बजट बनाना, निवेश करना, संपत्ति खरीदना, क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सलाह और वित्तीय रुझान पर नजर रखना भी शामिल होता है.

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क्यों पड़ रही है जरूरत?

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत या फिर भ्रामक ‘स्टॉक’ सलाह देने वाले ‘अपंजीकृत’ निवेश सलाहकारों की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है. इसके अलावा कुछ कंपनियों ने फिनफ्लुएंसर के माध्यम से अपने शेयर की कीमतों को बढ़ावा देने के लिये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.

जब धोखाधड़ी की बात आती है तो सूचीबद्ध कंपनियों और गैर-सूचीबद्ध कंपनियों के बीच कोई अंतर नहीं होता है और इसीलिये अब डिजिटल डेटा चोरी एवं तकनीकी जोखिम में वृद्धि देखी जा रही है. इससे होने वाले धन या संपत्ति के परिवर्तन (Diversion) के चलते वित्तीय संकट, अराजकता, शेयरधारकों के धन की हानि, एक नैतिक समस्या और प्रतिष्ठा संबंधी नुकसान होता है.

इस महीने की शुरुआत में, स्टॉक एक्सचेंजों (BSE, NSE) ने एक नोटिस जारी किया था, जिसके बाद 27 अक्टूबर को सेबी के दिशानिर्देश जारी किए गए थे, जिसमें विज्ञापन जारी करने वाले सेलिब्रिटी की स्थिति निर्धारित करने के लिए मानदंडों तय किये गये थे. इस नोटिस में किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 10 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स या सब्सक्राइबर वाले इन्फ्लुएंसर के बारे में कहा गया था कि ये सिर्फ यूट्यूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक और ट्विटर तक सीमित नहीं हैं.

एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) द्वारा साझा किए गए डेटा से पता चलता है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में, वित्त और क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित सामग्री में प्रभावित करने वालों और मशहूर हस्तियों द्वारा उल्लंघन के कुल 415 मामलें सामने आये थे. इसमें से 43 वित्त से संबंधित थे जबकि 372 क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जुड़े हुए थे. चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में (अप्रैल–सितंबर), ASCI ने ऐसे मामलों को लेकर 71 उल्लंघन देखे हैं, जिनमें से 15 वित्त संबंधी जबकि 56 क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े हुए थे.

वर्तमान में, ASCI द्वारा Finfluencers के लिए ऐसी सभी पोस्टों के लिए जो ब्रांड सहयोग (Brand Collaborations), विज्ञापन, सशुल्क साझेदारी (Paid Partnership) या प्रायोजन (Sponsorship) पर प्रभावित करने वालों के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. हालांकि, स्टॉक को लेकर की जाने वाली सिफारिशों को कवर करने में यह असरदार नहीं है.

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क्या कह रहे है Finfluencers?

उचित ढांचे और नियमों के अभाव में, Finfluencers इसे वित्तीय साक्षरता (Financial Literacy) के दायरे में होने का दावा करते हुए सलाह देना जारी रखते हैं. Finfluencers की राय है कि चूंकि वे सोशल मीडिया पर लोगों से कोई शुल्क नहीं लेते हैं और न ही वे निवेश सलाह के लिए किसी तरह का अनुबंध करते हैं, ऐसे में उन्हें निवेश सलाहकार नियमों के तहत उत्तरदायी नहीं होना चाहिए. वहीं, कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि नए दिशानिर्देशों में उत्तरदायित्व लाने के लिए प्रमाणन, लाइसेंसिंग या पंजीकरण की शुरूआत सहित वित्तपोषकों (Sponsors) के लिए स्पष्ट परिभाषाएं शामिल हो सकती हैं.

विदेश में भी है बोलबाला

Finfluencer का बोलबाला भारत तक ही सीमित नहीं है. Statista की एक रिपोर्ट के अनुसार, बाजार और उपभोक्ता डेटा में विशेषज्ञता वाली एक जर्मन फर्म जो प्रभावशाली लोगों का वैश्विक बाजार आकार, सोशल मीडिया पर फैशन, गैजेट्स, स्वास्थ्य, सौंदर्य और वित्त के बारे में जानकारी देती है का व्यवसाय केवल पांच वर्षों में आठ गुना बढ़ गया है. इसका व्यवसाय 2016 में मात्र 1.7 बिलियन डॉलर से 2021 में बढ़कर लगभग 14 बिलियन डॉलर हो गया.

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI)

मुंबई मुख्यालय वाले SEBI भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के तहत 12 अप्रैल, 1992 को स्थापित एक वैधानिक निकाय है. इसका मूल कार्य प्रतिभूतियों में निवेशकों के हितों की रक्षा करना और प्रतिभूति बाजार को बढ़ावा देना और विनियमित (Regulation) करना है.

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