आजकल ऑनलाईन शॉपिंग का जोर है। हजारों पोर्टल इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। अपने बिजनेस को लाभकारी बनाने की कोशिशों के मद्दे नजर कई बड़ी कंपनियां मर्जर का प्लान तैयार करती हैं। ऐसी ही एक खबर थी स्नैपडील और फ्लिपकार्ट से जुड़ी। काफी दिनों से ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील के फ्लिपकार्ट द्वारा अधिग्रहण किए जाने की खबरें सुनने में आ रही थी। इसी बीच यह भी खबर आई थी कि स्नैपडील अपना कारोबार 90-95 करोड़ डॉलर में फ्लिपकार्ट को बेचने जा रही है। अब स्नैपडील ने साफ कर दिया है कि वह स्वतंत्र तरीके से रास्ते पर आगे बढ़ेगी और अपने दम पर बिजनेस चलाएगी। इस तरह से यह साफ हो गया है कि अब फ्लिपकार्ट स्नैपडील का अधिग्रहण नहीं करेगा, बल्कि वह स्वतंत्र रूप से काम करेगा।
स्नैपडील के प्रवक्ता ने बिना फ्लिपकार्ट का नाम लिए ही एक ईमेल के जरिए कहा है- काफी समय से स्नैपडील रणनीतिक विकल्प की तलाश कर रहा था, लेकिन अब कंपनी ने स्वतंत्र तरीके से रास्ते पर आगे बढ़ने का निर्णय लिया है और अपनी सभी रणनीतिक वार्ताओं को समाप्त कर दिया है।
कुछ ही दिन पहले कंपनी ने डिजिटल पेमेंट प्लेटफार्म फ्रीचार्ज एक्सिस बैंक को 385 करोड़ रुपये में बेचा है. ऐसे में जानकार ये भी मान रहे हैं कि अब थोड़ा फाइनेंशियल ‘स्टेबल’ होने के बाद स्नैपडील कम वैल्युएशन में कंपनी को न बेचकर फिर खुद को खड़ा करने की तैयारी में हैं.
डोमेस्टिक ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील को अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी दूसरी कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा था. इसका असर उसके फाइनेंशियल कंडीशन पर पड़ा था.
स्नैपडील में सबसे बड़ी निवेशक जापान की कंपनी साफ्टबैंक बिक्री को लेकर बातचीत में मध्यस्थता कर रही थी। साफ्टबैंक के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘ ‘हम स्वतंत्र रास्ता अपनाने के फैसले का सम्मान करते हैं। हमारा स्नैपडील-2 रणनीतिक के परिणाम को लेकर नजरिया सकारात्मक है।
बहरहाल स्नैपडील की बातों से लगता है कि उसकी उम्मीदें अभी खत्म नहीं हुई हैं। भले ही यह डील परवान न चढ़ पाई हो लेकिन स्नैपडील दुगुने उत्साह से अपने बिजनेस को और धारदार बनाने की मंशा रखता है। क्या पता स्नैपडील के मालिक गूगल से ही इंस्पायर्ड हों।