कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने 30 करोड़ से अधिक सदस्यों के लिए आंशिक और पूर्ण निकासी के नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की बैठक में ये निर्णय लिया गया। श्रम मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि नए नियम EPF सदस्यों के जीवन को और अधिक सुगम बनाने पर केंद्रित हैं।
- पूरी राशि निकालने का दायरा बढ़ा
अब EPFO सदस्य अपनी पूरी पात्र राशि 100 प्रतिशत तक निकाल सकते हैं, जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का योगदान शामिल होगा। पहले केवल बेरोजगारी या सेवानिवृत्ति के दौरान पूरी राशि निकालने की अनुमति थी। पुराने नियमों में, नौकरी शुरू करने के एक महीने बाद 75 प्रतिशत और नौकरी छोड़ने के दो महीने बाद शेष 15 प्रतिशत निकासी की जा सकती थी। नए नियमों के अनुसार, बेरोजगारी की स्थिति में पूरी राशि निकालने की अवधि 2 महीने से बढ़ाकर 12 महीने और सेवानिवृत्ति के मामले में 36 महीने कर दी गई है। इससे सदस्य अपने भविष्य निधि का अधिकतम लाभ उठा सकेंगे।
- जटिल प्रावधानों को सरल बनाया गया
EPFO ने आंशिक निकासी के 13 जटिल प्रावधानों को हटा दिया और उन्हें तीन मुख्य श्रेणियों में व्यवस्थित किया:
- आवश्यक जरूरतें: बीमारी, शिक्षा, विवाह
- आवास संबंधी जरूरतें
- विशेष परिस्थितियां
- इस बदलाव से सदस्यों के लिए निकासी प्रक्रिया काफी आसान और सहज हो गई है।
- शिक्षा और विवाह के लिए निकासी की सीमा बढ़ाई गई
पहले आंशिक निकासी की सीमा शिक्षा और विवाह के लिए केवल 3 बार थी। नए नियमों में, विवाह के लिए 5 बार तक और शिक्षा के लिए 10 बार तक निकासी की अनुमति दी गई है। इस बदलाव से सदस्यों को अपनी जरूरतों के अनुसार अधिक लचीलापन मिलेगा।
- कारण बताने की आवश्यकता खत्म
अब आंशिक निकासी के लिए किसी कारण या उद्देश्य को स्पष्ट करने की जरूरत नहीं है। पहले ‘विशेष परिस्थितियों’ में जैसे प्राकृतिक आपदा, महामारी या प्रतिष्ठान बंद होने जैसी स्थिति में कारण बताना अनिवार्य था। इस नियम में बदलाव से अब सदस्यों को प्रक्रिया में आसानी होगी और अक्सर अनुरोध अस्वीकृत होने की स्थिति भी खत्म हो जाएगी।
- न्यूनतम शेष राशि का प्रावधान
नए नियमों में यह सुनिश्चित किया गया है कि सदस्यों के खाते में कम से कम योगदान का 25 प्रतिशत हमेशा शेष रहना चाहिए। यह प्रावधान सदस्य को EPF की उच्च ब्याज दर (वर्तमान में 8.25 प्रतिशत प्रति वर्ष) और चक्रवृद्धि लाभ का पूरा फायदा लेने में मदद करेगा। साथ ही, वित्तीय आपातकाल के दौरान अपने फंड तक आसान पहुंच भी सुनिश्चित होगी।
ये नए EPFO नियम सदस्यों के लिए लचीलापन और सुविधा बढ़ाने के साथ-साथ उनके भविष्य निधि के लाभ को अधिकतम करने में मदद करेंगे। आंशिक निकासी अब सरल, सुविधाजनक और समय की दृष्टि से अधिक अनुकूल हो गई है।