बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लिया है। सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने लोकसभा में बताया कि ‘अब कार्टून चैनलों पर जंक फूड के विज्ञापन नहीं दिखाए जाएंगे’। राठौड़ ने कहा, कि बच्चों को भ्रमित करने वाले विज्ञापन न चलाना ही बेहतर है, जंक फूड के विज्ञापन देखकर बच्चे जंक फूड की ओर ज्यादा आकर्षित होते हैं और क्योंकि ये सेहत के लिए ज्यादा लाभदायक नहीं होते हैं इसलिए FBIA ने कुछ फूड और ड्रिंक विज्ञापनों को स्वेच्छा से नहीं चलाने का फैसला लिया है।
लोकसभा में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बताया कि इस संदर्भ में FSSAI और भारतीय विज्ञापन मानक परिषद के बीच समझौता हुआ है, जिसके तहत कोका कोला, नेस्ले समेत करीब नौ कंपनियों ने सरकार से वादा किया है कि वे अपने प्रोडक्ट के विज्ञापन कार्टून चैनलों को नहीं देंगी। बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य मंत्रालय और फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स ऑफ इंडिया भी इस संबंध में प्रावधान बनाने पर विचार कर रहा है।
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राठौड़ ने कहा, कि जंक फूड से जुड़े भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ हमारी सरकार जागरूकता अभियान चला रही है, जिससे बच्चों को हिसाब से जंक फूड का सेवन करने के लिए जागरूक किया जा सके। उन्होंने बताया, कि भ्रामक विज्ञापनों के प्रसारण के संदर्भ में भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण ने 11 सदस्यीय समिति गठित की थी। अब इस समिति की रिपोर्ट पर अमल हो रहा है।
बता दे, इन विज्ञापनों को सिर्फ किड्स चैनल्स पर बैन किया गया है, अन्य चैनल्स पर बंद करने का ऐसा कोई प्रस्ताव सामने नहीं आया है, इस बात की पुष्टि खुद सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति इरानी ने की।