अयोध्या में जमीन की कीमतों में उछाल, सर्किल रेट में 200% तक की बढ़ोतरी — जानिए कहां सबसे महंगी जमीन

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अयोध्या में जमीन की कीमतों में उछाल, सर्किल रेट में 200% तक की बढ़ोतरी
अयोध्या में जमीन की कीमतों में उछाल, सर्किल रेट में 200% तक की बढ़ोतरी

अयोध्या में संपत्तियों की कीमतें लगातार ऊंचाई छू रही हैं। आठ वर्षों के अंतराल के बाद, प्रशासन ने सर्किल दरों में 30 से लेकर 200 प्रतिशत तक की वृद्धि की है, जिससे जमीनों की कीमतों में भारी उछाल देखा जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, यह नई दरें सोमवार से प्रभावी हो गई हैं और इनका सबसे बड़ा असर राम जन्मभूमि मंदिर से 10 किलोमीटर के भीतर आने वाले क्षेत्रों पर पड़ा है, जहां दरों में 150% से अधिक की वृद्धि हुई है।

अब रकाबगंज, देवकाली और अवध विहार सबसे महंगे क्षेत्र

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, धार्मिक पर्यटन और तेजी से हो रहे बुनियादी ढांचे के विकास ने मंदिर के आसपास की जमीनों की कीमतों को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। अब रकाबगंज, देवकाली और अवध विहार आवासीय योजनाएं अयोध्या जिले में सबसे महंगी मानी जा रही हैं। इन क्षेत्रों में सर्किल रेट को संशोधित कर 26,600 से 27,900 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दिया गया है, जो पहले 6,650 से 6,975 रुपये प्रति वर्ग मीटर था।

यह जानकारी सदर (फैजाबाद) तहसील के उप-पंजीयक शांति भूषण चौबे ने दी। उन्होंने बताया कि सितंबर 2024 में पेश किए गए प्रस्ताव और आपत्तियों के निस्तारण के बाद, जिला मजिस्ट्रेट टीकाराम फुंडे ने नई दरों को मंजूरी दी और अब इन्हें लागू कर दिया गया है।

स्थान और उपयोग के अनुसार दरों में अलग-अलग बदलाव

चौबे ने स्पष्ट किया कि यह वृद्धि विभिन्न क्षेत्रों की मांग और भूमि उपयोग को ध्यान में रखते हुए आवासीय, वाणिज्यिक और कृषि तीनों श्रेणियों में अलग-अलग अनुपात में लागू की गई है। खासतौर पर उन इलाकों में जहां भूमि लेनदेन अधिक होते हैं, वहां पर दरों में सबसे अधिक इजाफा किया गया है।

बिल्डरों की प्रतिक्रिया क्या रही?

अयोध्या स्थित एक रियल एस्टेट फर्म के निदेशक सौरभ विक्रम सिंह ने बताया कि सर्किल रेट बढ़ने का मतलब स्टांप ड्यूटी में भी वृद्धि है। हालांकि, इससे जमीन का आधिकारिक मूल्य बढ़ने से भूमि मालिकों को फायदा मिलेगा — खासकर लोन और संपत्ति मूल्यांकन में। वहीं, रियल एस्टेट डेवलपर विवेक अग्रवाल का मानना है कि इस कदम से अवैध या बेहिसाब लेन-देन पर अंकुश लगेगा और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।

सर्किल रेट वह न्यूनतम मूल्य होता है जिस पर किसी विशेष क्षेत्र में संपत्ति का पंजीकरण किया जाता है। यह स्टांप शुल्क की गणना का आधार बनता है और भूमि अधिग्रहण के मामलों में मुआवजा तय करने के लिए भी इसका उपयोग होता है।