दिल्ली नगर निगम चुनाव में बीजेपी तीसरी बार जीत कर आयी है। ये जीत अब तक की सबसे बड़ी जीत है। यहां एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू दिल्ली की जनता पर चला है और यही वजह रही की नगर निगम चुनाव में बीजेपी इस बार भी पहले नंबर की पार्टी रही। दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी को इस नगर निगम चुनाव में करारा झटका लगा है। अरविंद केजरीवाल की तमाम कोशिशें और घोषणा पत्र भी जनता को लुभाने में बेअसर रहे और दिल्ली की जनता ने उसे नकार दिया। हालांकि आम आदमी पार्टी के नेता बीजेपी की इस जीत को इवीएम की जीत बता रहे हैं। वही दूसरी तरफ दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने इस हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।
बुधवार 26 अप्रैल को एपीएन न्यूज के विशेष कार्यक्रम मुद्दा में दिल्ली एमीसीडी चुनाव के नतीजे पर चर्चा हुई। इस अहम मुद्दे पर चर्चा के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल थे। इन लोगों में गोविंद पंत राजू (सलाहकार संपादक एपीएन न्यूज), ललित तिवारी ( प्रवक्ता आम आदमी पार्टी), घरेन्द्र भारद्वाज( नेता कांग्रेस), व अश्वनी उपाध्याय ( राष्ट्रीय प्रवक्ता बीजेपी) शामिल थे।
ललित तिवारी ने कहा कि ये आम आदमी पार्टी के पास पहला मौका था। सारे लोग आरोप लगा रहे हैं कि हम हार गये हैं। हम कोई चुनाव नही हारे हैं। राजौरी गार्डेन का चुनाव जरुर हारे थे क्यों कि वो सीट हमारे पास थी लेकिन दिल्ली में कांग्रेस और बीजेपी को फिर से सोचना चाहिए कि जो सीटें मिली है वो सीटें हमारे पास नही थी। वो सीटें कही ना कही इन्ही दोनों की झोली से झटके हैं। विपक्षी दल आम आदमी पार्टी से बहुत डरे हुए हैं। एमसीडी का चुनाव और विधानसभा तथा लोकसभा के चुनाव भिन्न-भिन्न मुद्दों पर होते हैं। नगर निगम का चुनाव व्यक्तिगत मुद्दों पर होता है। इसको किसी से जोड़कर देखना सर्वथा अनुचित है।
घरेन्द्र भारद्वाज ने कहा कि 2015 का जो विधानसभा का चुनाव था उसमें आम आदमी पार्टी को दिल्ली में 54 प्रतिशत वोट मिला था। 67 विधायक आप के चुन कर आये थे। 2 साल में ऐसा क्या हो गया कि आप का ग्राफ एकदम गिर गया कि पार्टी 54 प्रतिशत से 22 प्रतिशत पर आ गई। सीधा सा कारण है कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के लोगों को धोखा देने का काम किया। आम आदमी पार्टी की बात करना बेकार है। इस पार्टी का अस्तित्व खत्म हो रहा है।
गोविंग पंत राजू ने कहा कि ये जीत भले ही आज बीजेपी को अब तक की अपनी सबसे बड़ी जीत दिखाई दे रही हो लेकिन जीत बीजेपी के लिए एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी भी लेकर आयी है। कांग्रेस आज आम आदमी पार्टी के नेताओं के इस्तीफे की बात कर रही है लेकिन इसी चुनाव की प्रक्रिया चल रही थी और कांग्रेस के नेता कांग्रेस छोड़ बीजेपी में जा रहे थे और ये कहकर कि चीजें ठीक नही है संगठन में गड़बड़ी है अध्यक्ष ठीक से काम नही कर रहे हैं। उस वक्त कभी कांग्रेस ने आत्मचिंतन करने की कोशिश नही की और ये मान कर चलते रहे कि बीजेपी दो बार से सत्ता में है और इसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा। उन्होने अपनी चिंता नही की थी।
अश्वनी उपाध्याय ने कहा कि अन्ना हजारे जी किसी पार्टी के नही हैं। उन्होने लाख टके की बात कही है। जब अगर कथनी और करनी में अंतर होता है तब जनता आपको नकारती है। हमें कोई अभिमान नही हैं। नगर निगम में तीन पार्टियां है बीजेपी कांग्रेस और आप आइये मिलकर काम करें।