चुनाव याचिका से जुड़े फैसले को लेकर सभी दागी नेताओं की पैनी नजर सुप्रीम कोर्ट के रुख पर टिकी हैं। इस मांग की सबसे बड़ी वजह यह है कि अगर सर्वोच्च न्यायलय इसपर मोहर लगा देता है तो कई नेता ताउम्र चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। संविधान के मुताबिक पहले प्रावधान था कि दोषी सजा काटने के बाद केवल छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते थे, लेकिन अगर इस याचिका पर मोहर लगती है तो इनपर आजीवन पाबंदी लग जाएगी। जिससे आने वाले समय में 2G मामले में जुड़े डीएमके नेता ए राजा, कॉमनवेल्थ घोटाले के आरोपी कांग्रेस नेता सुरेश कलमाड़ी, बीजेपी नेता निहालचंद्र, आरजेडी नेता शहाबुद्दीन का नाम शामिल है।

दूसरी तरफ यूपी में योगीराज के आरम्भ के साथ सीएम से लेकर मंत्री तक साफ सफाई के मिशन में जुटे हैं। प्रशासन जगह-जगह बूचड़खाने, सरेआम  शराब पीने वालों और एंटी रोमियों दल रोड़छाप मजनुओं पर धावा बोलने में चौकसी बरत रही है।

इसी खास पेशकस को लेकर एपीएन के स्टूडियों में आज क्या दागियों पर लगेगी सुप्रीम कोर्ट की मोहर? और कितना कारगार है एंटी रोमियों दल?” जैसे मुद्दे पर चर्चा की गई। जिसमें जस्टिस आर बी मिश्रा (पूर्व कार्यवाहक CJ, हि प्र), जस्टिस के श्रीधर राव (पूर्व न्यायधीश, गुवाहाटी, हाईकोर्ट), सूरज भान कटारिया (नेता, बीजेपी), सुरेन्द्र राजपूत (प्रवक्ता, कांग्रेस), गोविंद पंत राजू (सलाहकार संपादक, APN) और अनुराग भदौरिया (नेता,सपा) जैसे विशेषज्ञों ने अपने विचार को जनता के समक्ष रखा। शो का संचालन एंकर अनंत त्यागी ने किया।

सुरेन्द्र राजपूत का मत है कि सामाजिक परिवेश कि बात की जाए तो दोषियों और दागियों पर लगाम लगना जरुरी है, लेकिन यह देखते हुए कि जेल से निकलने के बाद उसमें क्या बदलाव आया है। रही बात योगी जी की तो वह बधाई के पात्र हैं, जिस प्रकार उन्होंने विमला नामक पीड़िता को लेकर दोषियों पर तत्काल कार्यवाही की।

अनुराग भदौरिया का मत है कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सदैव दागियों के खिलाफ रहे जिसका परिणाम पूरी जनता में पारिवारिक अंतर्कलह के रुप में देखा। उन्होंने आगे कहा कि जिस प्रकार यूपी में एंटी रोमियों दल अपने हिसाब से कार्य कर रहा है अगर कोई बच्चा परेशान होकर सुसाइड कर लेता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?

सूरज भान कटारिया का ने विपक्षी नेता पर तंज कसते हुए कहा कि चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा दागियों को टिकट देने वाली पार्टी सपा, बसपा और कांग्रेस रही और साथ ही बीजेपी के बचाव में बताया कि देश में सवा सौ करोड़ लोग रहते हैं जिनमें से उसका एक हिस्सा आरोपों में घिरा है।

जस्टिस आर बी मिश्रा का मत है कि हमारे संविधान में सबसे खुबसूरत बात “जनता के लिए, जनता के द्वारा, जनता के हित में कार्य करना है।“  पहले नागरिक व्यक्तित्व के आधार पर उनका चुनाव करता था, लेकिन समय के साथ बाहुबली राजनीति में जुड़ते चले गए।

जस्टिस के श्रीधर राव का मत है कि हमारी राजनीति में बहुत भ्रष्ट्राचार है, जो सबसे दागी है वो ही चुनाव लड़ता है। अगर SC का फैसला दागियों पर मोहर लगाती है तो यह लोकतंत्र की जीत होगी।

गोविंद पंत राजू का मत है कि अगर किसी से अंजाने में अपराध होता है तो उसपर विश्वास किया जा सकता है लेकिन दागियों पर कभी नहीं। पहले अपराधी राजनीति से संरक्षण लेते थे, लेकिन आज वह खुद राजनीति में सक्रिय हो चुके हैं। उन्होंने सपा पर कटाक्ष कर कहा कि एक समय मुलायम ने भी वाल्मिकी का उदाहरण देकर अन्ना नामक अपराधी को पार्टी में जगह दी थी। रही बात एंटी रोमियों दल की तो पुलिस अपने सीमा में रहकर कार्यवाही करें और किसी को बेवजह परेशान न करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here