आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव के दिल्‍ली, गुड़गांव समेत 22 ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापा मारा है। सूत्रों के मुताबिक एक हजार करोड़ की बेनामी लैंड डील मामले में यह छापेमारी की गई है। इसके साथ ही आरजेडी नेता और लालू के करीबी प्रेम चंद गुप्‍ता के ठिकानों पर भी छापे मारे गए हैं। यह छापेमारी ऐसे वक्‍त में हुई है जब हाल ही में बिहार बीजेपी के नेता सुशील कुमार मोदी ने लालू यादव और उनके परिवार पर जमीन घोटाले के आरोप लगाए। इससे पहले मंगलवार सुबह कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति के आवास पर भी सीबीआई ने छापा मारा है। एक मीडिया समूह को विदेशी निवेश पर क्‍लीयरेंस देने के मामले में यह छापेमारी की गई है। इस पूरे मामले को विपक्ष ने राजनीति से प्रेरित बताया है लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि अगर इन लोगों ने कुछ भी गलत नही किया है तो इतनी परेशानी क्यों?

मंगलवार 16 मई को एपीएन न्यूज के खास कार्यक्रम मुद्दा में दो अहम विषयों पर चर्चा हुई। इसके पहले हिस्से में आयकर विभाग के छापे पर चर्चा हुई। इस अहम मुद्दे चर्चा के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल थे। इन लोगों में गोविंद पंत राजू (सलाहकार संपादक एपीएन न्यूज), शरबत जहां फातिमा (प्रवक्ता कांग्रेस), आनंद शाहू ( नेता बीजेपी), रविदास मेहरोत्रा (नेता सपा) शामिल थे।

शरबत जहां फातिमा ने कहा कि बिहार में लालू प्रसाद यादव के यहां छापा पड़ा है सुशील कुमार मोदी के यहां छापा क्यों नही पड़ा। बिहार के मामले में और केन्द्र के मामले में भी बीजेपी का एक रवैया बन गया है कि जब कोई बोलने वाला है और लगे कि विपक्ष हमलावर होने वाला है तो कुछ ऐसा कर दो की विपक्ष वहीँ उलझ जाये। विपक्ष इसमें उलझने वाला नही है। विपक्ष हर मुद्दे को उठाएगा।

आनंद शाहू ने कहा कि ये न्यायिक प्रक्रिया है। ये नियमत:  काम कर रहे हैं। इसको सीधे-सीधे कटघरे में खड़ा करके राजनीतिक रंग देना और इस प्रकार के आरोप लगा कर अपने आपको बचाना चाहते हैं।

गोविंद पंत राजू ने कहा कि छापों को लेकर इस तरह की जो शिकायतें की जा रही हैं बिल्कुल बेमानी शिकायते हैं। इस तरह के छापे नियमित तौर पर पड़ते हैं। अगर चिदंबरम ने मंत्री रहते हुए इस तरह का कोई काम किया है उनके कामों को लेकर कोई शिकायत हुई है तो छापे डाले जा रहे हैं दस्तावेजों को हासिल करने के लिए तो इस तरह परेशान होने की क्या बात है। अगर उन्होने कोई अपराध नही किया है तो इस तरह के छापे से उन्हे नही डरना चाहिए।

रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि छापेमारी एक कानूनी प्रक्रिया है और आय से अधिक सम्पति पर आयकर विभाग छापा डालती है लेकिन जनता को ये स्पष्ट करना चाहिए कि ये छापा किसी विद्वेष या किसी बदले की भावना से नही किया गया है। छापेमारी के दौरान क्या बरामद हुआ है जनता के सामने आयकर विभाग को बताना चाहिए।

यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल-

मुद्दा के दूसरे हिस्से में यूपी की कानून व्यवस्था पर चर्चा हुई। इस अहम मुद्दे पर चर्चा के लिए भी विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल थे। इन लोगों में गोविंद पंत राजू ( सलाहकार संपादक एपीएन), शरबत जहां फातिमा ( प्रवक्ता कांग्रेस), आनंद शाहू (नेता बीजेपी), सुब्रत त्रिपाठी (पूर्व डीजी यूपी पुलिस) व रविदास मेहरोत्रा (नेता सपा) शामिल थे।

जिस कानून व्यवस्था को लेकर बीजेपी ने सपा सरकार को लगातार सवालों के घेरे में रखा और जिस कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाकर बीजेपी सरकार में आयी उसी में कोई खास बदलाव देखने को नही मिल रहा है । लगातार बलात्कार और हत्या की घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं। कानून व्यवस्था के मसले पर योगी सरकार पूरी तरह विफल नजर आती है। आखिर खामियां कहां है ?

आनंद शाहू ने कहा कि जो भी गुंडागर्दी की घटना हो रही है वह निश्चित रुप से सरकार के खिलाफ षड़यंत्र चल रहा है। इसलिए सरकार ने एक लाइन खींच दी कि किसी भी दल का कोई भी गुंडा हो बचेगा नही। सपा या बसपा  किसी की भी सरकार में पकड़े नही जाते थे आज पकड़े जा रहे हैं।

गोविंद पंत राजू ने कहा कि बड़ा दुख होता है कि जिस मुद्दे पर बीजेपी ने चुनाव लड़ा था। कानून व्यवस्था का मुद्दा सपा सरकार का दाग था। उसी मुद्दे पर बीजेपी ने अपना सबकुछ दांव पर लगाया। इतना वक्त बीतने के बाद भी कही यह नही दिखाई देता की सरकार का इकबाल कानून व्यवस्था पर है। यूपी जैसे बड़े राज्य की कानून व्यवस्था को ठीक करने के लिए दो-तीन महीने का वक्त काफी नही है।

शरबत जहां ने कहा कि जिस तरह से लोगों ने बीजेपी के ऊपर भरोसा जताया जाहिर है कुछ खामियां रही होगीं जनता ने गठबंधन को नकारा था इस उम्मीद के साथ की बीजेपी आयेगी और सब कुछ ठीक कर देगी। अब हालात बद से बदतर होने लगेंगे तो विपक्ष चुप तो नही रहेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here