विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों पर लगातार हमले हो रहे हैं। हाल ही में अमेरिका में भारतीय मूल के इंजीनियर की एडम पुरिंटन नाम के एक व्यक्ति ने गोली मारकर हत्या कर दी और गोली चलाते वक्त उसने कहा कि “मेरे देश से निकल जाओ”। ऐसा ही एक ताजा मामला ऑस्ट्रेलिया से भी सामने आया है जिसमें एक चर्च में भारतीय समुदाय के एक कैथोलिक पादरी के गले पर चाकू से हमला किया गया। ऑस्ट्रेलिया में हुए इस हमले में भी हमलावार ने अमेरिकन हमलावर जैसी ही बात कही, यहां के हमलावर ने कहा कि “भारतीय होने के कारण वह पादरी प्रार्थना करवाने के लिए अयोग्य है”। ऑस्ट्रेलिया की राजधानी मेलबर्न के एक चर्च में हुए इस हमले को एक नस्लीय हिंसा कहा जा रहा है। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा माना जा रहा है कि आरोपी ने पादरी से कहा कि चूंकि वह एक भारतीय है तो वह या तो हिंदू होगा या मुसलमान और इसलिए वह प्रार्थना सभा करवाने के योग्य नहीं है।
भारतीय मूल के 48 वर्षीय पीड़ित पादरी का नाम टॉमी कलाथूर मैथ्यू है जिनका 72 वर्षीय एक नस्लीय हिंसक व्यक्ति ने गला रेत दिया। 72 साल के आरोपी शख्स को जानबूझकर हमला करने के आरोप में अरेस्ट किया गया लेकिन बाद में उसे बेल भी दे दी गई। रोजाना चर्च आने वाली एक महिला मेलिना के मुताबिक चर्च के पिछले हिस्से से काफी तेज चिल्लाने की आवाज़ आई जिसके बाद मेलिना को फादर ने हाथ हिलाकर अपने पास बुलाया और अपना गला दिखाकर बोले कि मेरा गला काट दिया गया है। फादर टॉमी को उसके बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल, टॉमी को शरीर के ऊपरी हिस्से में चोटें हैं। वे हॉस्टिपल में एडमिट हैं और उनकी हालत स्थिर है।
सीनियर कॉन्स्टेबल रायनन नॉर्टन ने बताया कि इस स्थिति में हमें लगता है कि घटना कुछ अलग तरह की है। “हमें नहीं लगता कि वो किसी और के लिए खतरा बनेगा।” वहीं दूसरी ओर मेलबर्न में कैथोलिक चर्च के स्पोक्सपर्सन शेन हीली ने घटना को डर पैदा करने वाला बताया और कहा कि “किसी भी शख्स के साथ इस तरह का बर्ताव नहीं होना चाहिए। टॉमी लोगों के लिए अच्छा काम कर रहे हैं। ये कैथोलिक पादरियों को इन्सपिरेशन देने वाला है।”