Jagannath Rath Yatra 2023: भगवान जगन्‍नाथ जी क्‍यों जाते हैं अपनी मौसी के घर, जानिए रथयात्रा से जुड़ी हर जानकारी यहां ?

Jagannath Rath Yatra 2023: हिंदू सनातन मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा अपनी मौसी के घर जाते हैं। रथयात्रा पुरी के जगन्नाथ मंदिर से 3 दिव्य रथों पर निकाली जाती है।

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Jagannath Rath Yatra 2023

Jagannath Rath Yatra 2023: भगवान जगन्‍नाथ जी का जिक्र होते ही आंखों के आगे जगन्‍नाथ जी की रथयात्रा का चित्रण हो जाता है।हर साल ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्‍नाथ जी की रथयात्रा पूरी भव्‍यता और धूमधाम के साथ निकाली जाती है। इस दौरान बड़ी संख्‍या में यहां लोग पहुंचते हैं।इस वर्ष भगवान जगन्‍नाथ जी की 146वीं रथयात्रा आयोजित की जाएगी।
भगवान के रथ को खींचने का इतना उत्‍साह लोगों में है कि अभी से यहां भक्‍तों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है।ओडिशा के पुरी शहर में भारी संख्‍या में श्रद्धालुओं का जुटना शुरू हो गया है।
मालूम हो कि वैष्‍णव मंदिर श्री हरि नारायण के आठवें अवतार श्रीकृष्‍ण जी को समर्पित है। पूरे साल तो इनकी पूजा मंदिर के गर्भगृह में होती है, लेकिन आषाढ़ माह के दौरान करीब 3 किलोमीटर की विशाल रथयात्रा के जरिये इन्‍हें गुंडिचा मंदिर लाया जाता है।

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Jagannath Rath Yatra 2023:अपनी मौसी के घर जाते हैं भगवान

Jagannath Rath Yatra 2023:हिंदू सनातन मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा अपनी मौसी के घर जाते हैं। रथयात्रा पुरी के जगन्नाथ मंदिर से 3 दिव्य रथों पर निकाली जाती है।सबसे आगे बलभद्र का रथ, उनके पीछे बहन सुभद्रा और सबसे पीछे जगन्नाथ का रथ होता है।इस वर्ष श्रीजगन्नाथ यात्रा 20 जून से शुरू होगी और इसका समापन 1 जुलाई को होगा।

Jagannath Rath Yatra 2023: रथयात्रा निकाले जाने की वजह

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Jagannath Rath Yatra 2023: पद्म पुराण के अनुसार, भगवान जगन्नाथ की बहन ने एक बार नगर देखने की इच्छा प्रकट की।तब श्रीजगन्नाथ और बलभद्र अपनी लाडली बहन सुभद्रा को रथ पर बैठाकर नगर दिखाने निकले। इस दौरान वे अपनी मौसी के घर गुंडिचा भी गए जहां वे करीब 7 दिन तक ठहरे।तभी से जगन्‍नाथ रथयात्रा निकालने की परंपरा चली आ रही है।
मौसी के घर पर पहुंचकर भाई-बहन के साथ भगवान खूब पकवान खाते हैं। फिर वह बीमार पड़ जाते हैं। उसके बाद उनका इलाज किया जाता है और फिर स्वस्थ होने के बाद ही लोगों को दर्शन देते हैं। इस बात का जिक्र नारद पुराण और ब्रहम पुराण में भी है।

Jagannath Rath Yatra 2023: यहां जानिए श्रीजगन्नाथ रथयात्रा 2023 का पूर्ण शेड्यूल

  • 20 जून, 2023 (मंगलवार): जगन्नाथ रथयात्रा का शुभारंभ (गुंडिचा मौसी के घर जाने की परंपरा)

24 जून, 2023 हेरा पंचमी (पहले पांच दिन भगवान गुंडिचा मंदिर में वास करते हैं)

27 जून 2023 (मंगलवार): संध्या दर्शन (इस दिन जगन्नाथ के दर्शन करने से 10 साल तक श्रीहरि की पूजा के समान पुण्य मिलता है)

28 जून 2023 (बुधवार): बहुदा यात्रा (भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और बहन सुभद्रा की घर वापसी)

29 जून 2023 (गुरुवार): सुनाबेसा (जगन्नाथ मंदिर लौटने के बाद भगवान अपने भाई-बहन के साथ शाही रूप लेते हैं)
30 जून, 2023 (शुक्रवार): आधर पना (आषाढ़ शुक्ल द्वादशी पर दिव्य रथों पर एक विशेष पेय चढ़ाया जाता है।इसे पना कहते हैं जो दूध, पनीर, चीनी और मेवा से तैयार होता है
1 जुलाई, 2023 (शनिवार): नीलाद्री बीजे (जगन्नाथ रथ यात्रा के सबसे दिलचस्प अनुष्ठानों में एक है नीलाद्री बीजे, श्री हरि की पूजा कर आशीर्वाद मांगा जाता है

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