Afghanistan के पूर्व राष्ट्रपति (President) Ashraf Ghani ने देश से भागने के बाद संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates) में शरण लेने के लिए अफगानिस्तान के लोगों से माफी मांगी है। उन्होंने लोगों से कहा कि काबुल छोड़ना मेरे जीवन का सबसे कठिन निर्णय था, मुझे खेद है कि मैने इस तरीके से देश छोड़ा। 15 अगस्त को राजधानी में Taliban के उग्रवादियों के आगे बढ़ने पर गनी ने अचानक अफगानिस्तान छोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि उनका इरादा अपने लोगों को छोड़ने का नहीं था, लेकिन हिंंसा को रोकना का यही एकमात्र तरीका था।
गनी ने काबुल के लोगों को बचाने की अपील की
बुधवार को Twitter पर किए गए एक Tweet में गनी ने कहा कि व्यापक हिंसा से बचने के लिए उनके पास देश छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने लिखा, “मैं महल की सुरक्षा के आग्रह पर चला गया, जिन्होंने मुझे सलाह दी कि 1990 के गृहयुद्ध के दौरान शहर में इन्हीं सड़कों में लड़ाई हुई थी, ” उन्होंने लिखा “काबुल और उसके साठ लाख नागरिकों को बचाओ”।
18 अगस्त को भी वीडियो जारी कर सफाई दी थी
इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने 18 अगस्त को एक वीडियो जारी कर देश छोड़कर भागने का कारण बताया था और अपने ऊपर लग रहे सभी आरोपों को खारिज भी किया था। उन्होंने कहा था कि मुझ पर आरोप लगाए जा रहें हैं कि मैं 12 अरब डॉलर लेकर अफगानिस्तान से फरार हो गया हूं। अपने साथ कुछ भी नहीं लाया हूं, यहां तक की जूता पहनने का समय भी नहीं मिला। सरकारी अधिकारियों की सलाह पर मैंने मुल्क को अलविदा कहा। अगर मैं उन्हें सत्ता सौंप कर देश नहीं छोड़ता तो वहां पर खून की नदियां बहती, खून खराबा होता। इस नरसंहार को रोकने के लिए मैंने अपने मुल्क को छोड़ना ही सही समझा। मैं अफगानिस्तान को यमन या सीरिया नहीं बनने दे सकता था। गलत आरोप लगाकर मेरी किरदार की हत्या की जा रही है।
Afghanistan में तालिबान की सरकार का गठन
अफगानिस्तान में कब्जा करने के बाद मंगलबार को तालिबान ने 33 सदस्यीय सरकार की घोषणा की, इस सरकार में मुल्ला हसन अखुंद (Mullah Hassan Akhund) को प्रधान मंत्री के रूप में नामित किया गया, जबकि Haqqani network के संस्थापक के बेटे सिराजुद्दीन हक्कानी (Sirajuddin Haqqani) को नया आंतरिक मंत्री बनाया गया। हक्कानी आत्मघाती हमलों और अल कायदा के साथ जुड़े होने के कारण FBI के most wanted व्यक्तियों में से एक है। कैबिनेट में किसी भी महिला को शामिल नहीं किया।
ये है Taliban Cabinet
प्रधानमंत्री : मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद
उप-प्रधानमंत्री : मुल्ला बरादर
उप-प्रधानमंत्री : अब्दुल सलाम हनाफी
कार्यवाहक गृहमंत्री : सिराजुद्दीन हक्कानी
कार्यवाहक रक्षा मंत्री : मुल्ला याकूब
कार्यवाहक वित्त मंत्री : मुल्ला हिदायतुल्ला बदरी
कार्यवाहक विदेश मंत्री : मावलावी आमिर खान मुतक्की
कार्यवाहक शिक्षा मंत्री : मावलावी नूरुल्ला मुनीर
कार्यवाहक न्याय मंत्री : अब्दुल हकीम शरीय
कार्यवाहक उच्च शिक्षा मंत्री : अब्दुल बाकी हक्कानी
कार्यवाहक ग्रामीण पुनरुद्धार एवं विकास मंत्री : मुल्ला मोहम्मद यूनुस अखुंदजादा
शरणार्थी मामलों के कार्यवाहक मंत्री : खलीलउर्हमान हक्कानी
कार्यवाहक लोक कल्याण मंत्री : मुल्ला अब्दुल मनन ओमारी
कार्यवाहक दूरसंचार मंत्री : नजीबुल्ला हक्कानी
कार्यवाहक पेट्रोलियम एवं खनन मंत्री : मुल्ला मोहम्मद एसा अखुंद
कार्यवाहक जल एवं ऊर्जा मंत्री : मुल्ला अब्दुल लतीफ मंसूर
कार्यवाहक नागरिक उड्डयन एवं परिवहन मंत्री : हमीदुल्लाह अखुंदजादा-कार्यवाहक सूचना एवं संस्कृति मंत्री : मुल्ला खैरुल्लाह खैरख्वाह
कार्यवाहक उद्योग मंत्री : कारी दिन हनीफ
कार्यवाहक हज मंत्री : मावलावी नूर मोहम्मद साकिब
सीमा एवं आदिवासी मामलों के कार्यवाहक मंत्री : नूरउल्लाह नूरी
उप विदेश मंत्री : शेर मोहम्मद स्टेनेकजई
उप रक्षा मंत्री : मुल्ला मोहम्मद फाजिल
उप गृहमंत्री : मावलावी नूर जलाल
उप सूचना एवं संस्कृति मंत्री : जबीउल्लाह मुजाहिद
चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ : कारी फसीहुद्दीन
सेना प्रमुख : मुल्ला फजल अखुंद
खुफिया विभाग के कार्यवाहक निदेशक : अब्दुल हक वासिक
खुफिया विभाग का उपप्रमुख : मुल्ला तजमीर जावद
खुफिया विभाग का प्रशासनिक उपप्रमुख : मुल्ला रहमतुल्ला नजीब
केंद्रीय बैंक के कार्यवाहक निदेशक : हाजी मोहम्मद इदरिस
राष्ट्रपति के प्रशासनिक कार्यालय के कार्यवाहक निदेशक : अहमद जान अहमदी
दावत-उ-इरशाद के कार्यवाहक मंत्री : शेख मोहम्मद खालिद
आंतरिक मादक पदार्थ निरोध मामलों का उपमंत्री : मुल्ला अब्दुलहक अखुंद
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