Jamia Millia Islamia Violence Case: साल 2022 में दो गुटों में हुई हाथापाई और हिंसा के मामले में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। पिछले साल जामिया मिलिया इस्लामिया में हुई हिंसा के मामले में 15 छात्रों पर सख्त कार्रवाई की गई है। इस मामले में कैंपस के तीन छात्रों को निष्कासित भी कर दिया गया है। बता दें कि हिंसा में एक छात्र को गोली भी लगी थी।
Jamia Millia Islamia Violence Case: जानकारी के मुताबकि जामिया मिलिया इस्लामिया ने 15 छात्रों के खिलाफ “कड़ी कार्रवाई” की है, जिसमें तीन का निष्कासन शामिल है, जो पिछले सितंबर में दो समूहों के बीच हाथापाई में शामिल थे, जिसके परिणामस्वरूप एक छात्र गोली लगने से घायल हो गया था।
विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सजा में निष्कासन, कैंपस प्रतिबंध, छात्रावास में रहने की जगह नहीं देने और छात्र की भागीदारी के आधार पर अच्छे आचरण का बांड प्रस्तुत करने के लिए मौद्रिक मुआवजा शामिल है।
अधिकारी ने कहा कि 15 में से तीन छात्रों को केवल 5 साल के कैंपस प्रतिबंध के साथ परीक्षा देने की अनुमति दी गई है और उनके पाठ्यक्रम के पूरा होने के बाद विश्वविद्यालय में किसी अन्य पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। जामिया के रजिस्ट्रार नाजिम हुसैन अल जाफरी ने कहा, “उचित प्रक्रिया के बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है और एक उदाहरण पेश किया गया है कि विश्वविद्यालय परिसर में किसी भी तरह की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करेगा।”
जिन छात्रों को निष्कासित किया गया है, उनकी पहचान मुजीबुर रहमान, बीए (ऑनर्स) राजनीति विज्ञान,सलमान खुर्शीद, बीए प्रोग्राम,और मो. अधिकारियों ने कहा कि फैसल, एमए (सामाजिक बहिष्कार) पर विश्वविद्यालय के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने और छात्रों को लड़ाई के लिए उकसाने का आरोप है। इससे पूर्व मुजबिर्रहमान और सलमान खुर्शीद को 24 अप्रैल को यूनिवर्सिटी की तरफ से नोटिस भेजा गया था।
Jamia Millia Islamia Violence Case: पिछले साल हुई थी हिंसा
पिछले साल सितंबर माह में कैंपस के बाहर कई छात्रों के बीच आपस में हिंसक झड़प हो गई थी। इस हिंसा के दौरान एक छात्र को गोली भी लगी थी और उसे अस्पताल भर्ती कराया गया था। इस घटना के अलगे दिन यूनिवर्सिटी ने एक्शन लेते हुए छोत्रों के खिलाफ कार्रवाई की थी और कुछ छात्रों को सस्पेंड भी किया गया था। हाल ही यूनिवर्सिटी की अनुशासनात्मक कमेटी ने जांच के तथ्य सामने रखे। इस आधार पर यह फैसला लिया गया और तीन छात्रों को निष्कासित किया गया है।
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