कोरोना महामारी ने सबको बेहाल कर दिया है। पूरी तरह से अभी कोरोना कि दुसरी लहर खत्म नहीं हुई है। मगर सूचना अब यह भी आ रही है कि कोरोना कि तीसरी लहर भी अगस्त के महीने में आने वाली है। अभी तो कोरोना कई राज्यों मे तेजी से बढ़ रहा है। मगर इसका खतरा न टलने के बावजूद केरल सरकार ने बकरीद के मौके पर लॉकडाउन को ढीला करने का आदेश दे दिया है।
केरल सरकार के इस फैसले से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने आपत्ति जताई है। और उन्होने सीधा कहा है कि अगर केरल सरकार ने बकरीद पर लॉकडाउन में छूट देने का आदेश वापस नहीं लिया तो वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खट खटाने लगेंगे। आपको बता दें कि केरल अभी भी उन राज्यों में से एक है जहां हर दिन कोरोना के सबसे ज्यादा केस आ रहे है।

IMA ने बया दिया कि कोरोना मामलों में इजाफे के बीच केरल सरकार का इस तरह का फैसला बहद चौंका देने वाला और दुखदाई है। । जब जम्मू-कश्मीर ,उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे कई उत्तरी राज्यों ने सार्वजनिक सुरक्षा के मद्देनजर परंपरिक और लोकप्रिय तीर्थ यात्राओं को रोक दिया गया है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केरल के विद्वान राज्य ने ऐसा निर्णय कैसे ले लिया है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को घोषणा किया था कि बकरीद के मौके पर राज्य में लगे लॉकडाउन के प्रतिबंधों में छूट दिया जाएगा। इस बुधवार को होने वाली ईद के लिए रविवार से यह छूट तीन दिनों तक दिया जाना था। इस दौरान कपड़े, जूते-चप्पल की दुकान, ज्वैलरी की दुकान, गिफ्ट आइटम की दुकान, घर के सामान और इलेक्ट्रॉनिक्स स्टोर और रिपेयरिंग सेंटर को खोलने की छूट दी गई थी।
इतना ही नहीं उन्होंने फिल्मों की शूटिंग और पूजा स्थलों को भी लॉकडाउन संबंधित छूट देने की घोषणा कर दिया था इसको लेकर विजयन ने कहा कि प्रतिबंध चाहे कितना भी सीमित क्यों न हो, बड़ी आर्थिक और सामाजिक समस्याएं पैदा कर रहे हैं और इसलिए कोरोना केस रोजाना सामने आ रहे हैं।