पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान में हालात दिन प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं। तालिबान लोगों को बंधक बना रहा है महिलाओं के साथ जानवरों की तरह सलूक कर रहा है। बिगड़ते हालात को देखते हुए भारत की कूटनीतिक गतिवीधियां काफी तेज हो गई हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर न सिर्फ अफगानिस्तान के शीर्ष नेताओं से लगातार संपर्क में हैं बल्कि वहां के हालात को लेकर जिन दूसरे देशों की गहरी रुचि हैं उनके साथ भी लगातार विमर्श कर रहे हैं।
पिछले तीन दिनों में दुशांबे (ताजिकिस्तान) में कई देशों के साथ विमर्श के बाद जयशंकर गुरुवार को ताशकंद (उज्बेकिस्तान) पहुंचे हैं जहां शुक्रवार को होने वाली अहम बैठक में हिस्सा लेंगे। खास बात यह है कि इस बैठक में दुश्मन देश पाकिस्तान के पीएम इमरान खान भी होंगे। उनके साथ अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनि भी जयशंकर के साथ मंच साझा करेंगे।
इस बैठक से पहले भारत के लिए काफी बुरी खबर आई है। अफगानिस्तान में युद्ध को कवर कर रहे रहे भारतीय फोटो जर्नलिस्ट की हत्या कर दी गई है। इस घटना को अफगानिस्तान के कंधार में अंजाम दिया गया है। दानिश सिद्दीकी अंतराष्ट्रीय स्तर फोटोग्राफर थे। बड़ी न्यूज एजेंसी के लिए काम करते थे।
खबर है कि तालिबान के लड़ाकों ने सिद्दीकी को गोली मार दी जिससे उनकी जगह पर ही मौत हो गई। इस मुद्दे पर अभी कोई पुख्ता बयान सामने नहीं आया है। अफगानिस्तान में चल रही हर गतिविधियों पर भारत की पैनी नजर है।
दानिश की मौत की खबर सुनते ही मीडिया जगत सहित राजनीतिक हस्तियां भी दुख व्यक्त कर रही हैं। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने ट्वीट कर सिद्दीकी के काम को सराहा है।
बता दें कि साल 2018 में दानिश सिद्दीकी को Pulitzer Prize से नवाजा गया था, ये अवॉर्ड उन्हें रोहिंग्या मामले में कवरेज के लिए मिला था। दानिश सिद्दीकी ने अपने करियर की शुरुआत एक टीवी जर्नलिस्ट के रूप में की थी, बाद में वह फोटो जर्नलिस्ट बन गए थे।
अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में स्पिन बोल्डक इलाके में एक झड़प के बीच सिद्दीकी को मौत के घाट उतार दिया गया। सिद्दीकी पुलित्जर पुरस्कार विजेता थे। इनकी गिनती दुनिया के बेहतरीन फोटो जर्नलिस्ट में होती थी।
बता दें कि अफगान मामले पर अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जाल्मई खलीलजाद समेत कई मध्य एशियाई देशों के शीर्ष नेता होंगे। माना जा रहा है कि अफगानिस्तान के मुद्दे पर भारत की अमेरिका, रूस और चीन के साथ अलग अलग स्तर पर संपर्क में है।