दुनिया भर में कोरोना कहर मचा रहा है। करोड़ों लोग इसकी चपेट में आचुके हैं वहीं लाखों लोगों की जान चली गई है। भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने सबसे अधिक तबाही मचाई है। पर देश में एक ऐसा गांव है जहां कोरोना दूर दूर तक नहीं है। झारखंड में ताना भगत और अन्य आदिवासी समुदाय के लोगों को कोरोना की दूसरी लहर भी हाथ नहीं लगा पाई है।
अब तक झारखंड में 3,43,609 से भी अधिक कोरोना मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें 5,085 लोगों की मौत भी कोरोना के कारण हुई। इसी राज्य में रहने वाला ताना भगत समुदाय अभी तक कोरोना से पूरी तरह सुरक्षित है। इस समुदाय के एक भी शख्स को कोरोना नहीं हुआ है। करीब 3,481 परिवारों और 21,783 जनसंख्या में से कोई भी अभी तक कोरोना पॉजिटिव नहीं आया। इसके पीछे इस समुदाय के द्वारा अपनाए जाने वाले स्वच्छता के उच्च मानकों को माना जा रहा है।
झारखंड में कोरोना की दूसरी लहर ने पहली लहर के मुकाबले अधिक तबाही मचाई थी लेकिन इस समुदाय के लोगों की सूझ बूझ के कारण कोरोना आस पास भी नहीं है।
ताना भगत समुदाय की बात करें तो यह ओरान समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। उच्च विचार के साथ जीवन निर्वाह करते हैं। भगवान की नहीं बल्कि तिरंगे की पूजा करते हैं वहीं गांधी की विचार धारा को मानते हैं।
इस समुदाय के लोग खादी के दो कपड़े पहनते हैं जिन्हें वे हर रोज धोते हैं। सभी शाकाहारी हैं और कभी भी नशा नहीं करते हैं। ये लोग अपना खाना खुद पकाकर खाते हैं। अगर बाहर भी जाते हैं तो या तो खुद पकाकर खाते हैं या अपने साथ ड्राई फ्रूट्स लेकर जाते हैं।
गांव के लोग ऐसी , फ्रीज नहीं रखते हैं। बाहर का खाना बिल्कुल नहीं खाते हैं यह लोग खुद का खाना खुद ही पकाते हैं साथ ही सूखा फल अधिक खाते हैं। अगर कहीं बाहर जाना हुआ तो खाना खुद ही पका कर खाते हैं।
राजधानी रांची से मात्र 40 किलोमीटर दूर ही बेरो ब्लॉक के अंदर खाकसीटोला नाम के गांव में ताना भगत समुदाय की एक अच्छी खासी आबादी रहती है।