आयकर विभाग इन दिनों काले धन को उजागर करने वाली योजना ऑपरेशन क्लीन मनी पर सख्ती से काम कर रहा है। नोटबंदी के दौरान करीब 18 लाख लोगों ने अपने खाते में 5 लाख रुपये से ज्यादा की रकम जमा कराया था। ऐसे लोगों को आयकर विभाग ने 15 फरवरी तक एसएमएस, ई-मेल और बेवसाइट के जरिए जबाव देने को कहा था, लेकिन इनमें से करीब 9 लाख लोगों ने आयकर विभाग को अबतक कोई जबाव नहीं दिया है। लिहाजा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इनके खातों में जमा रकम को संदिग्ध मान रहा है। ऐसे लोगों के खाते को संदिग्ध खातों की श्रेणी में रखा गया है। अब अगर इन खातों के बारे में जल्द ही कोई जबाव नहीं आया तो आयकर विभाग ऐसे सभी खातों की जांच करेगा।
दरअसल, 8 नवंबर के बाद नोटबदली प्रकिया में कुछ लोगों ने अपने खातों में संदिग्ध रुप से ज्यादा कैश जमा कराया था, जिसके बाद ऑप्ररेशन क्लीन मनी के अधीन आयकर विभाग ने 18 लाख लोगों से जबाव मांगा था। विभाग ने कहा था कि ऐसे खाताधारक 15 फरवरी तक जमा कराएं पैसो का स्पष्टीकरण भेज दें। आयकर विभाग ने कहा कि काफी लोगों ने जबाव दिया भी है और जिन लोगों ने इनकम टैक्स के सवालों का कोई जबाव नहीं दिया है उनके पास कोई कानूनी जबाव हो सकता है। ऐसे लोग अपना विवरण रिटर्न फाइल करते समय दे सकते हैं।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक 2016-17 में अचानक इनकम का बढऩा भी शक के दायरे में आ सकता है और उसकी जांच हो सकती है। बताया जा रहा है कि लोगों को भेजे गए एसएमएस और ईमेल का कोई कानूनी आधार नहीं है। विभाग फिलहाल किसी भी खाताधारक के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले सकता, लेकिन अगर 31 मार्च के बाद भी कोई खाताधारक अपनी आय को छुपाने की कोशिश करते पाए गए तो ऐसे लोगों पर सख़्त कार्रवाई की जाएगी।