गीता प्रेस गोरखपुर के अध्यक्ष रहे और पत्रिका कल्याण के संपादक राधेश्याम खेमका का 87 साल की उम्र में निधन हो गया है। राधेश्याम काफी समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने शनिवार दोपहर वाराणसी के केदार घाट स्थित आवास पर आखिरी सांस ली।

राधेश्याम खेमका के निधन पर पीएम मोदी ने ट्वीट किया है। पीएम ने ट्वीट कर लिखा कि, “गीता प्रेस के अध्यक्ष और सनातन साहित्य को जन-जन तक पहुंचाने वाले राधेश्याम खेमका जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। खेमका जी जीवनपर्यंत विभिन्न सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहे। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!”

निधन की खबर फैलते ही शोक व्यक्त करने वालों का तांता लग गया। राधेश्याम 15 दिन से काफी बीमार चल रहे थे। जिसके कारण उनका निधन हो गया। वह अपने पीछे पुत्र राजाराम, पुत्री राज राजेश्वरी देवी चोखानी, भतीजे गोपाल राय खेमका, कृष्ण कुमार, गणेश समेत नाती-पोतों से भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।

पीएम मोदी के बाद देश के गृहमंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट किया है। अमित शाह ने खेमका के निधन पर दुख जताया है उन्हेंने लिखा कि, “गीता प्रेस के अध्यक्ष श्री राधेश्याम खेमका जी के निधन से अत्यंत दुःखी हूँ। खेमका जी ने जीवनभर सनातन संस्कृति के संवाहक बनकर भारत की प्राचीन परम्परा को दुनियाभर में पहुँचाने का काम किया। मैं उनके परिजनों व शुभचिंतकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ। ॐ शांति शांति शांति”

खबर के मुताबिक, पिछले करीब 40 साल से सनातन धर्म की प्रसिद्ध पत्रिका कल्याण के संपादक रहे राधेश्याम खेमका का हरिश्चंद्र घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। पुत्र राजा राम खेमका ने मुखाग्नि दी।

राधेश्याम ने 40 वर्षों से गीता प्रेस में अपनी भूमिका का निर्वहन कर अनेक धार्मिक पत्रिकाओं का संपादन किया। उनके पिता सीताराम खेमका मूलरूप से बिहार के मुंगेर जिले से आए थे। वह मारवाड़ी सेवा संघ, मुमुक्षु भवन, श्रीराम लक्ष्मी मारवाड़ी अस्पताल गोदौलिया, बिड़ला अस्पताल मछोदरी, काशी गोशाला ट्रस्ट से जुड़े रहे। वह कागज व्यवसाय से भी जुड़े रहे।

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