उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों के दूसरे चरण में कई दिग्गज नेताओं की किस्मत दांव पर है। उत्तरप्रदेश विधानसभा के दूसरे चरण में चुनाव लड़ रहे बड़े नामों में रामपुर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी कैबिनेट मंत्री आजम खान, अमरोहा जिले के नौगावां सादात विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान, स्वार-टांडा विधानसभा सीट से सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी आजम खां के पुत्र अब्दुल्ला आजम खान, बरेली कैंट विस सीट से राजेश अग्रवाल तिलहर विधानसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जितिन प्रसाद और नकुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के इमरान मसूद शामिल हैं। इन नेताओं की किस्मत आज हो रहे मतदान के बाद इवीएम में कैद हो जाएगी
उत्तर प्रदेश के दूसरे चरण की 67 विधानसभा सीटों के लिए मतदान जारी है। इनमें 12 सीटें अनुसुचित जाति के लिए आरक्षित हैं। इन सीटों पर कुल 720 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से सर्वाधिक 22 प्रत्याशी बिजनौर की बरहापुर और सबसे कम चार उम्मीदवार अमरोहा की धनौरा सीट पर किस्मत आजमा रहे हैं। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आकड़ों के मुताबिक इस चरण में कुल 2.28 करोड़ लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें से 1.04 करोड़ महिलाएं हैं। मतदान के लिए 14 हजार 771 केंद्र और 23 हजार 693 मतदान स्थल बनाए गए हैं। चुनाव को स्वतंत्र और निष्पक्ष ढंग से कराने के लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किये गए हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉर्म ने उत्तरप्रदेश विधानसभा के दूसरे चरण के लिए जो आंकड़े जारी किये हैं उनमे ना सिर्फ आपराधिक छवि बल्कि पैसे वाले उम्मीदवारों का भी बोलबाला है। कुल 256 करोड़पति उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। बसपा की ओर से सबसे अधिक 58 करोड़पति उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि भाजपा की ओर से 50 करोड़पति, सपा की ओर से 45 करोड़पति, कांग्रेस की ओर से 13 व आरएलडी की ओर से 15 करोड़पति उम्मीदवार इस बार चुनावी मैदान में हैं। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक कुल 720 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति करीब दो करोड़ रुपये है। बसपा के उम्मीदवारों की औसत संपत्ति का आंकड़ा 7.20 करोड़ रुपये है।
उम्मीदवारों के अपराधिक मामलों के अध्ययन में भी चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए, इन उम्मीदवारों में 87 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं। सपा के 51 में से 21 (41 फीसदी) उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। भाजपा के 67 में से 16 (24 फीसदी), राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के 52 में से छह (12 फीसदी) और कांग्रेस के 18 में से छह (33 फीसदी) उम्मीदवार आपराधिक छवि वाले हैं। इसमें से 84 उम्मीदवार यानि 12 फीसदी ऐसे हैं जिनके खिलाफ हत्या, हत्या की कोशिश, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे संगीन मामले हैं। शिक्षा में योग्यता की बात करें तो चुनावी दंगल में उतरे 277 यानी 39 फीसदी उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता पांचवीं से 12वीं पास है। 310 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता स्नातक या इससे ज्यादा होने की बात कही है। दूसरी ओर, 11 उम्मीदवारों ने खुद को निरक्षर बताया है।
उत्तराखंड विधानसभा की 70 सीटों के लिए आज मतदान जारी है। इस चुनाव में मुख्यमंत्री हरीश रावत, यशपाल आर्य के बेटे संजीव आर्य,बी सी खंडूरी की बेटी ऋतू खंडूरी,बीजेपी नेता सतपाल महाराज, अजय भट्ट, किशोर उपाध्याय, हरक सिंह रावत जैसे राजनीतिक दिग्गजों की किस्मत ईवीएम मशीन में कैद हो जाएगी। यहाँ 69 सीटों पर ही वोटिंग हो रही है। चुनाव में कुल 637 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इन प्रत्याशियों में कुल 575 पुरूष और 62 महिला उम्मीदवार हैं। उत्तारखंड में एक ही चरण में मतदान हो रहा है।
पार्टियों के आधार पर देखा जाए तो एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस के कुल 70 उम्मीदवारों में से 51 करोडपति हैं, जबकि भाजपा के 70 प्रत्याशियों में से 48 करोड़पति हैं। बसपा के 69 उम्मीदवारों में 19, यूकेडी के 55 उम्मीदवारों में 13, सपा के 20 उम्मीदवारों में चार, और 261 निर्दलीय उम्मीदवारों में 53 ने अपने पास एक करोड़ से अधिक की संपत्ति होने की घोषणा की है। रिपोर्ट के अनुसार ऐसे उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 1.57 करोड़ रुपए की है। विधानसभा चुनाव के लिए कुल 78 उम्मीदवारों ने अपना पैन ब्यौरा नहीं दिया है।
एडीआर रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में चुनाव लड़ रहे कुल 637 में से 91 (14 फीसदी) उम्मीदवार आपराधिक मामलों के आरोपी हैं। भाजपा ने 19(27 फीसदी),कांग्रेस ने 17 (24 फीसदी),बसपा ने 69 में से सात(10 फीसदी), उक्रांद ने 55 में से चार (सात फीसदी), सपा ने 20 में से दो (10 फीसदी) दागियों को चुनाव मैदान में उतारा है। निर्दलीय चुनाव लड़ रहे 261 में से 32(12 फीसदी)पर आपराधिक मामले चल रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस के 12 (17 फीसदी), भाजपा के 10 (14 फीसदी), बसपा के छह (नौ फीसदी), उक्रांद के तीन (छह फीसदी), सपा के दो (10 फीसदी) और 14 (पांच फीसदी) निर्दलीय गंभीर आपराधिक मामले झेल रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पांच-पांच उम्मीदवारों ने अपने ऊपर हत्या (आईपीसी-302), हत्या का प्रयास (आईपीसी-307) और महिलाओं पर अत्याचार संबंधित मामलों की घोषणा की है।
आज हो रहे मतदान के बाद अपराध बाहुबल और राजनीतिक अनुभव के बल पर कौन से महारथी विजयी होंगे और कौन मुह की खायेगा यह तो 11 मार्च को आने वाले नतीजे तय करेंगे।