गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में हुई हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों ही देश छोड़कर भागने की फिराक में थे। मनिंदरजीत सिंह डच नागरिक है। वे हिंसा फैलाने के बाद देश छोड़कर भागने की तैयारी कर रहा था। समय रहते हुए दिल्ली पुलिस ने उसे पकड़ लिया। मनिंदरजीत को दिल्ली ऐयरपोर्ट से पकड़ा गया है। वहीं दिल्ली पुलिस पर फर्से से हमला करने वाला आरोपी भी गिरफ्तार हो गया है।
दिल्ली पुलिस ने सीसीटीवी की मदद से फर्सा लेकर पुलिसकर्मियों पर हमला करने वाले व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि हमारे पास सीसीटीवी फुटेज है, जिसमें खेमप्रीत हाथ में फर्सा लेकर लाल किले के अंदर घुस रहा है और वहां पर तैनात पुलिसकर्मियों पर हमला कर रहा है।
दिल्ली पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, दंगाई मनिंदरजीत सिंह भारतीय नहीं डच नागरिक है। को आईजीआई हवाई अड्डे पर जाली दस्तावेजों पर भारत से भागने की कोशिश करते हुए गिरफ्तार किया गया। साथ ही उसके खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी किया गया था। मनंदिरजीत की आपराधिक सूची लंबी है।
खबरों के अनुसार मनिंदरजीत का जन्म भारत में हुआ था लेकिन उसके पिता नीदरलैंड शिफ्ट हो गए थे जिसके बाद उसे डच नागरिकता मिल गई। आरोपी के नाम पर कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं। मनिंदरजीत का पूरा परिवार ब्रिटेन में ही रहता है।
खेमप्रीत की गिरफ्तारी के लिए भी दिल्ली पुलिस कई जगह छापेमारी कर रही थी, लेकिन वह फरार हो जा रहा था। इस बीच पुलिस को खबर मिली थी कि खेमप्रीत खयाला में छिपा हुआ था।
इससे पहले दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने जम्मू से 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के मुताबिक जम्मू के रहने वाले मोहिंदर सिंह खालसा और मनदीप सिंह ने 26 जनवरी को लाल किले में हुई हिंसा में अहम भूमिका निभाई थी।
बता दें कि, किसान दिल्ली की दहलीज पर 3 महीनें से आंदोलन कर रहे हैं। अन्नदाता कृषि कानून को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इस कड़ी में 26 जनवरी के दिन किसान आंदोलन को तेज करने के लिए किसानोें ने ट्रैक्टर रैली निकाली थी। शांतिपूर्ण रैली का वादा था। लेकिन हुआ उसका पूरा उलटा, किसानों ने जमकर हिंसा की , लाल किले के प्राचीर पर तिरंगा फहराया। पुलिस के साथ मारपीट, सरकारी संपत्ती को नुकसान पहुंचाया आदि। दिल्ली पुलिस इन सब की जांच कर रही है। दिल्ली हिंसा का मुख्य आरोपी दीप सिद्धू गिरफ्तार हो गया है। हिंसा में 93 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।