कृषि कानूनों को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी है। आंदोलन में दिन ब दिन परिस्थितियां जिस तरह से बदल रही हैं, उसे देखते हुए राजनैतिक पार्टियां भी इस मसले पर राजनीतिक रोटियां सेंकने को आग को हवा देने में जुट गई हैं। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि किसान आंदोलन में गैर विपक्षी दल भी कूद गए हैं। ये लगातार चुनाव हार रहे हैं, इसलिए सरकार के विरोध में खड़े हो जाते हैं और अपने अतीत को भूलते हुए अपने वादे भूल जाते हैं।
बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने 2014 में ही अपने मैनिफेस्टो में कहा था कि APMC एक्ट को समाप्त करेगी। 2014 में कांग्रेस ने अपने मैनिफेस्टो में इंग्लिश में लिखा हैं कि APMC एक्ट को हटाएगी और हिंदी में लिखा कि हम इस कानून में संशोधन करेंगे, जो हम कर रहे हैं। और आज कांग्रेस अपने ही वादे के खिलाफ है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘राहुल गांधी ने 2013 में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई थी, जिसमें कहा था कि किसान मंडियों को फ्री कर देना चाहिए। पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने APMC एक्ट से बदलने से लेकर किसान मंडियों को फ्री करने के लिए कई मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी थी। हालांकि शरद पवार अब अपनी बात से पलट गए हैं।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘शरद पवार ने एक इंटरव्यू में कहा था कि APMC एक्ट में बदलाव किए तो अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा। अखिलेश यादव के पिता और समाजवादियों की अंतिम आवाज मुलायम सिंह यादव ने भी कहा कि किसानों को मंडी कल्चर से बाहर आना जरूरी थी।’
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘इन विपक्षी दलों को भले ही किसान संगठन नहीं बुलाते हैं, लेकिन ये फिर भी जाना चाहते हैं। किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए समय-समय पर अलग-अलग राज्यों ने कांट्रैक्ट फार्मिंग को लागू किया है। इसमें अधिकतर कांग्रेस शासित प्रदेश थे। विपक्ष पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘मैं कानून मंत्री के तौर पर कह रहा हूं कि ना किसानों की जमीन को बंधक बनाया जायेगा और ना ही लीज पर लिया जायेगा। हमने किसानों को डिजिटल मंडी दी है, जिसमें अभी एक लाख करोड़ का व्यापार होता है। किसानों को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है।’