राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर रांची हाईकोर्ट में सुनवाई टल गई है। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में जमानत पर सुनवाई के लिए अपील याचिका सूचीबद्ध थी। दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये के गबन के मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। मामले में अब 11 दिसंबर को सुनवाई होगी। फिलहाल लालू यादव जेल में ही रहेंगे।
सुनवाई के दौरान लालू के वकील प्रभात कुमार ने आधी सजा पूरा होने के आधार पर बेल ग्रांड करने की मांग किया, जबकि जमानत का विरोध करते हुए सीबीआई ने अपने जवाब में कहा है कि सीबीआई कोर्ट ने दुमका कोषागार मामले में लालू प्रसाद यादव को दो अलग-अलग मामलों में सात-सात साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों सजाएं एक साथ चलाने का आदेश नहीं दिया है। इस कारण लालू प्रसाद यादव ने दुमका कोषागार के मामले में एक दिन की सजा भी नहीं काटी है।
आरजेडी नेता सुबोध राय ने कहा कि हमें न्यायपालिका पर भरोसा है पर जिस तरीके से सीबीआई साजिश कर रही है वो चिंताजनक है। सीबीआई की साजिश के कारण लालू की जमानत नहीं हुई।
वहीं, कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि कुछ तो बात है जिसके कारण लालू की जमानत बार-बार टाल दी जाती है राजनीतिक साजिश की जा रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि बार-बार सुनवाई टलना संदेह पैदा करता है। आज या कल जब सुनवाई होगी न्याय मिलेगा।
आरजेडी के बयानों पर पलटवार करते हुए जेडीयू नेता मदन सहनी ने कहा के जब जेल में रहकर के लालू इतने प्रलोभन और धमकी दे सकते हैं तो बाहर आकर ना जाने क्या कर सकते हैं। इसलिए ऐसे लोगों को कभी जमानत नहीं मिली चाहिए।