दुनिया की सबसे घातक मिसाइलों और सेमी स्टील्थ तकनीक से लैस राफेल लड़ाकू विमानों के भारतीय वायुसेना में शामिल होने से देश की सामरिक शक्ति में जबरदस्त इजाफा होगा। भारत आने वाले राफेल फाइटर जेट, दुनिया की सबसे आधुनिक हवा से हवा में मार करने वाली मीटिआर मिसाइलों से लैस है, इसके अलावा इनमें लंबी दूरी की स्कल्प मिसाइलें भी लगीं हैं, साथ ही दुश्मनों के बंकरों और ठिकानों को तबाह करने के लिए हैमर मिसाइलें भी लगाई गई है। फ्रांस के मेरिजनाक एयर बेस से फाइटर जेट्स ने भारत के लिए उड़ान भरी। भारतीय वायुसेना ने इसके लिए पूरी योजना तैयार की है, क्योंकि रास्ते में ये फाइटर जेट कई देशों की सीमाओं से होकर भारत पहुंचेंगे। राफेल विमान फ्रांस से भारत तक का सफर पूरा करने के दौरान लगभग एक हजार किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भरेंगे, हालांकि, इनकी अधितकम स्पीड 2222 किलोमीटर प्रति घंटा है।

भारतीय राफेल विमान फ्रांस के अबूधाबी स्थित अल धाफरा हवाई ठिकाने पर उतरेंगे, करीब 10 घंटे की इस यात्रा के दौरान हवा में तेल भरने के लिए दो तेल टैंकर भी उनके साथ रहेंगे, ये विमान रातभर रुकने के बाद फिर भारत के लिए रवाना होंगे। UAE से उड़ान भरने के बाद एक बार फिर राफेल में ईंधन भरा जाएगा, इस बार भारतीय तेल टैंकर इस काम को अंजाम देंगे, भारत पहुंचने के बाद ये विमान अंबाला एयरफोर्स स्टेशन जाएंगे जहां राफेल के पहले बेड़े को 17 गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन के पायलट उड़ाएंगे इनकी ट्रेनिंग भी फ्रांस में पूरी हो चुकी है।

राफेल लड़ाकू विमानों के आने से भारतीय वायुसेना की ताकत में अभूतपूर्व इजाफा होगा राफेल से लंबी दूरी पर आसानी से मिसाइल लॉन्च किए जा सकते हैं। एयर स्ट्राइक में ये फाइटर जेट सबसे ज्यादा कारगार साबित होगा और भारतीय वायुसेना के पास दो साल में कुल 36 राफेल आने हैं। राफेल फाइटर जेट मल्टीरोल अभियानों के लिए बने हैं। यानी ये हवा में दुश्मन को पस्त करने के अलावा जमीन पर भी दुश्मन के ठिकानों पर अचूक निशाना साध सकते हैं.।

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