कोरोना ने देश में लाखों नौकरियां छीन ली …खास कर उन मजदूर वर्ग की जो दिहाड़ी मजदूरी के भरोसे थे। सरकारो के मन में भी यह बड़ी चिंता थी कि कैसे इस खाई को पाटा जाए दो नौकरियों के छूटने से बनी है। इस सब बातों के मद्देनजर आज प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में आत्मनिर्भर यूपी रोजगार अभियान की शुरुआत की। आत्मनिर्भर यूपी रोजगार अभियान के लाभार्थियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा.. कि, हम सबने अपने जीवन में कई उतार चढ़ाव देखे हैं.. सामाजिक जीवन में कई तरह की कठिनाइयां आती हैं.. किसी ने नहीं सोचा था कि पूरी दुनिया पर एक साथ इतना बड़ा संकट आएगा.. जिसमें चाहकर भी लोग मदद नहीं कर पा रहे हैं।
प्रधानमंत्री @narendramodi ने यूपी सरकार के #आत्मनिर्भर_यूपी_रोजगार_अभियान की शुरुआत की।
इस अभियान को लॉन्च करने के दौरान पीएम मोदी ने कई मजदूरों के साथ संवाद किया ।
सरकार का दावा है कि इस योजना के तहत करीब एक करोड़ पच्चीस लाख मजदूरों को रोजगार मिलेगा। pic.twitter.com/g7fKKi0sQq
— APN न्यूज़ हिंदी (@apnlivehindi) June 26, 2020
पीएम मोदी ने कहा कि किसी को नहीं पता कि इस बीमारी से कब मुक्ति मिलेगी.. लेकिन, लोगों की चिंता करना सरकार का काम है.. लिहाजा, केंद्र सरकार ने गरीब कल्याण रोजगार अभियान शुरू किया है.. औऱ इसी के तहत यूपी आत्मनिर्भर अभियान चल रहा है.. सीएम योगी की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा.. कि, उन्होंने आपदा को अवसर में बदला है.. संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि संकट के वक्त जो साहस दिखाता है, उसे ही सफलता मिलती है.. कोरोनाकाल में यूपी ने साहस दिखाया है.. यहां इसलिए भी ध्यान देना जरूरी है, क्योंकि यूपी कई देशों से बड़ा है।
इस अभियान को लॉन्च करने के दौरान पीएम मोदी ने दिल खोलकर सीएम योगी की तारीफ की.. कहा, कोरोना से लड़ने में जैसी हिम्मत यूपी सरकार ने दिखाई है, वो काबिले तारीफ है.. एक दिन था जब इलाहाबाद के सांसद देश के प्रधानमंत्री थे और कुंभ के मेले में भगदड़ मची थी.. तब सरकार ने मरने वालों की संख्या छुपाने में सारा जोर लगा दिया था.. जबकि, यूपी सरकार ने रिस्क उठाते हुए लाखों मजदूरों को वापस बुलाया।
यूपी को आत्मनिर्भर बनाने की महत्वाकांक्षी योजना में शामिल होकर.. पीएम मोदी ने जहां सीएम योगी की हौसलाआफजाई की.. तो वहीं, लाभार्थियों से संवाद के जरिए देश तक अपना संदेश भी पहुंचाया.. इस योजना को अमलीजामा पहनाने की शुरुआत हो गई है।
यूपी को आत्मनिर्भर बनाने के लिए योगी सरकार ने व्यापक खाका खींचा है.. इसके लिए लघु, छोटे और मध्यम उद्योगों, यानी MSME को.. गरीब कल्याण पैकेज के तहत नौ हजार 100 करोड़ रुपये का कर्ज दिया जाएगा.. जबकि, स्किल मैपिंग में चिह्नित किए गए कामगारों को इस योजना के अंतर्गत कपंनियां औपचारिक नियुक्ति पत्र प्रदान करेंगी.. ताकि, श्रम शक्ति का समुचित इस्तेमाल किया जा सके।
इस अभियान में यूपी के 31 जिलों की 32 हजार 300 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है.. पिछड़े और अति पिछड़े इलाकों पर सरकार का ज्यादा फोकस है.. सिद्धार्थनगर, गोंडा, महराजगंज, बहराइच, बलरामपुर, जौनपुर, श्रावस्ती, फतेहपुर, मीरजापुर, जालौन और कौशाम्बी जैसे जिले इसमें शामिल हैं।
अभियान के तहत 25 तरह के कार्यों को चिह्नित किया गया है.. जिनमें प्रवासियों को समायोजित किया जाएगा.. इसके लिए 1 दर्जन विभागों को जिम्मेदारी दी गई है.. इनमें ग्राम्य विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन, खनन, रेलवे, पेयजल और स्वच्छता, पर्यावरण एवं वन, पेट्रोलियम और नेचुरल गैस जैसे विभाग शामिल हैं.. केंद्र व प्रदेश दोनों ही आपस में समन्वय कर 31 जिलों में रोजगार अभियानों को गति देंगे।
योजना के तहत, 1.25 करोड़ कामगारों के नियोजन की शुरुआत होगी.. कामगारों को निजी निर्माण कंपनियों से नियुक्ति पत्र मिलेंगे.. 2.40 लाख इकाइयों को आत्मनिर्भर भारत के तहत पांच हजार 900 करोड़ के कर्ज का वितरण किया जाएगा.. इसके अलावा, 1.11 लाख नई इकाइयों को तीन हजार 226 करोड़ का लोन मिलेगा।