भारतीय रेल की सबसे तेज रफ्तार वाली ट्रेन ‘ट्रेन 18’ का गुरुवार को दिल्ली से आगरा के बीच सफलता पूर्वक परीक्षण किया गया। इस दौरान ट्रेन पर पत्थर फेंके जाने की घटना सामने आई है। पथराव के दौरान ट्रेन के कोच का शीशा टूट गया।

बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस ट्रेन का 29 दिसंबर को हरी झंडी दिखाने वाले हैं। अत्याधुनिक डिब्बे बनाने वाली ‘इंटीग्रल कोच फैक्टरी’ (आईसीएफ) चेन्नई द्वारा बनाई गई इस ट्रेन को 100 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है।

आपको बता दें कि ‘ट्रेन 18’ हाल में दिल्ली राजधानी मार्ग के एक हिस्से पर परीक्षण किया गया था और इस दौरान ट्रेन की स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की रही थी जिसके बाद यह भारत की सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन बनी थी।

आईसीएफ प्रवक्ता जी वी वेंकटेसन ने कहा, ‘आज, जब ट्रेन 18 का आगरा और दिल्ली के बीच गति परीक्षण चल रहा था तो कुछ अराजक तत्वों ने इस पर पत्थर फेंके जिससे ट्रेन 18 के एक तरफ का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया।’

प्रवक्ता ने कहा, ‘ट्रेन, रेलवे स्टेशन जैसी सार्वजनिक संपत्तियों, विशेषकर ट्रेन 18 जैसी नई प्रतिष्ठित ट्रेन को नुकसान पहुंचाने का कोई भी कृत्य निंदनीय है। लोगों से अनुरोध है कि ट्रेन, रेलवे स्टेशन सहित रेल संपत्तियों को न तो नुकसान पहुंचाएं और ना ही उन्हें विकृत करें, यह सार्वजनिक संपत्ति है जो आपकी ही है।’ अधिकारियों ने कहा कि घटना की जांच चल रही है।

बता दें कि इस ट्रेन में दो खास डिब्बे होंगे जिसमें 52-52 सीटें होंगी और बाकियों में 78 सीटें। ट्रेन 18 में यात्रियों के लिए वाईफाई, जीपीएस आधारित सूचना प्रणाली (इसके माध्यम से यात्री ड्राइवर से बात करे सकेंगे), मॉड्यूलर बायो वॉक्यूम टॉयलेट, एलईडी लाइटिंग, मोबाइल चार्जिग प्वाइंट और तापमान नियंत्रण प्रणाली दी गई है।

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