निर्भया कांड के आज 16 दिसंबर को 6 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि ऐसे अपराध के दोषी आज भी जिंदा हैं। ये कानून व्यवस्था के लिए सबसे बड़ी असफलता है। उन्होंने कहा कि हम लड़कियों से यही कहना चाहते हैं कि खुद को कभी भी कमजोर मत समझो। इसके साथ हीं उन्होंने माता-पिता से अपील भी की, ‘वे अपनी बेटियों को पढ़ाई से वंचित न रखें।’ वहीं दूसरी तरफ इस मौके पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देश को महिलाओं के लिए बेहतर स्थान बनाने को कहा, ममता बनर्जी ने ट्विटर पर लोगों से महिलाओं के खिलाफ हिंसा खत्म करने की अपील की उन्होंने लिखा, ‘दिल्ली में हुए भयावह निर्भया हादसे के आज छह वर्ष पूरे हो गए। इस हादसे ने देश को हिला दिया था। एक समाज के तौर पर हमें देश को महिलाओं के लिए बेहतर स्थान बनाना चाहिए। महिलाओं के खिलाफ हिंसा को ‘ना’ कहें।’
Today is the sixth anniversary of the horrific Delhi Nirbhaya case. The incident shook the country. As a society, we must make this country a better place for women. Say no to violence against women
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) December 16, 2018
इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निर्भया कांड के 6 साल पूरे होने पर रविवार को पीड़िता को याद करते हुए तमाम बाधाओं के बावजूद महिलाओं की सुरक्षा के लिए संघर्ष करने का संकल्प लिया। केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा, ‘दिल्ली के इतिहास में आज के दिन छह वर्ष पहले सबसे जघन्य अपराध हुआ था। निर्भया को अपने मन-मस्तिष्क में जिंदा रखने के लिए हमें तमाम बाधाओं के बावजूद महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़ा संघर्ष सुनिश्चित करना होगा।’
Six years ago on this day one of the most brutal and worst crime was committed in the history of Delhi.
Only way to keep the brave Nirbhaya alive in our minds is to ensure a strong struggle for women safety despite all hurdles in our way— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 16, 2018
16 दिसंबर 2012 की रात 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा के साथ चलती बस में सामूहिक बलात्कार किया गया था। फिर निर्भया को उसके दोस्त सहित सड़क पर फेंक दिया गया था। पीड़िता को बाद में इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया लेकिन वह बच नहीं पाई। हादसे के खिलाफ देश में व्यापक स्तर पर प्रदर्शन किए गए। सभी 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनपर बलात्कार और हत्या का मामला चलाया गया। इन आरोपियों में से एक ने जेल में ही खुद को फांसी लगा ली थी, जबकि हादसे के समय उनमें से एक नाबालिग था जिसे सुधार गृह में अधिकतम तीन वर्ष की सजा दी गई। अन्य चार बाद में बलात्कार और हत्या के दोषी पाए गए। उन्हें बाद में मौत की सजा सुनाई गई, जिसपर अभी तामील नहीं हुई है।