राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में रहने के लिए फिर नई शर्त रखी है। उन्होंने कहा है कि अगर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार शिक्षा से संबंधित उनकी 25 सूत्रीय मांगें मान लें तो वे सभी अपमान भूलकर राजग में रहेंगे। साथ ही सीटों को लेकर अपने दावे को भी छोड़ देंगे।
आपको बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा राजग और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष प्रस्ताव रखा है कि अगर राज्य सरकार शिक्षा को लेकर उनकी 25 सूत्री मांगों को लागू कर दें तो वे राजग में रहेंगे। कुशवाहा जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राजग में शामिल होने के पहले से बिहार में शिक्षा सुधार का अभियान चला रहे हैं। आम आदमी से जुड़े इस मुद्दे को सामने रख कुशवाहा ने राजग में अपना नया दांव चला है।
कुशवाहा ने विभिन्न स्तर पर शिक्षकों की नियुक्ति तथा उनकी पात्रता के लिए ऑनलाइन व्यवस्था करने की मांग रखी है। साथ ही साल 2003 और उसके बाद के शिक्षकों के पुर्नमूल्यांकन पर बल दिया है। कुशवाहा ने कहा है कि विद्यालयो में बीपीएससी के तर्ज पर आयोग द्वारा शिक्षकों की बहाली की जाए। इसमें राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद के निर्धारित मानकों को पूरा किया जाए।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि प्राथमिक स्कूलों में भी कम-से-कम एक विज्ञान के शिक्षक हो। उर्दू शिक्षको की भी नियुक्ति की जाए। सभी स्तरों पर नियुक्त शिक्षकों को समान वेतन दिया जाए तथा उन्हें गैर-शैक्षणिक कार्यों व मिड-डे-मील से पूर्णत मुक्त रखा जाए। कुशवाहा ने सभी स्कूलो में छात्रों व शिक्षकों के लिए बायोमेट्रीक हाजिरी की व्यवस्था करने, प्रयोगशाला और पुस्तकालय की व्यवस्था करने, कक्षाओं में 75 फीसद उपस्थिति तथा सभी कक्षाओं में मूल्यांकन के बाद प्रोन्नति की व्यवस्था करने की भी मांग रखी है।